"1अप्रेल 2020 से NPR करने वाले को कुछ इस तरह बोलें"
NPR के लिए आने वाले किसी कर्मचारी को यह कहकर वापस कर दें कि हम 2021की जनगणना शुरू होगी तब हम उस प्रपत्र में पूरी जानकारी देंगे। इसलिए महोदय जी हमें माफ करो। इस समय हम कोई जानकारी नहीं दे सकते। फिर भी आपको समझाने का प्रयत्न करेंगे ऐसी स्थिति में आप उन्हें बोलें कि आपको तो इस काम के लिए 800 रू का ठेका मिला है। इसलिए ठेका पूरा करने के लिए जबरदस्ती समझा और डरा रहे हो। हमें इससे क्या मिलेगा। बल्कि आप उल्टा सीधा भरके या आधी अधूरी जानकारी लेकर फुर्सत हो जाओगे और और आगे जांच प्रक्रिया में हमें "D"संदिग्ध की सूची में डालकर हमारी नागरिकता को खतरे में डालना चाहते हो। ऐसी बात नहीं कि इसका प्रभाव आप या आपके रिस्तेदारो पर नहीं पड़ेगा, इसलिए आप कुछ राशि के लोभ अपने अपने परिवार रिस्तेदारों और आम नागरिक को संकट में मत डालो। इसलिए हम इसका पूरी तरह बहिष्कार करते हैं। एक बार पुनः कहें कि जब जनगणना का समय आयेगा तब उसमें हम पूरी जानकारी देते हैं। उसी को देखकर सारी जानकारी हासिल कर लेना "धन्यवाद जी" ।
(गुलजार सिंह मरकाम राष्ट्रीय संयोजक गोंडवाना समग्र क्रांति आंदोलन)
मध्यप्रदेश के गोन्ड बहुल जिला और मध्य काल के गोन्डवाना राज अधिसत्ता ५२ गढ की राजधानी गढा मन्डला के गोन्ड समुदाय में अपने गोत्र के पेन(देव) सख्या और उस गोत्र को प्राप्त होने वाले टोटेम सम्बन्धी किवदन्तिया आज भी यदा कदा प्रचलित है । लगभग सभी प्रचलित प्रमुख गोत्रो की टोटेम से सम्बन्धित किवदन्ति आज भी बुजुर्गो से सुनी जा सकती है । ऐसे किवदन्तियो का सन्कलन और अध्ययन कर गोन्डवाना सन्सक्रति के गहरे रहस्य को जानने समझने मे जरूर सहायता मिल सकती है । अत् प्रस्तुत है मरकाम गोत्र से सम्बन्धित हमारे बुजुर्गो के माध्यम से सुनी कहानी । चिरान काल (पुरातन समय) की बात है हमारे प्रथम गुरू ने सभी सभी दानव,मानव समूहो को व्यवस्थित करने के लिये अपने तपोभूमि में आमंत्रित किया जिसमें सभी समूह आपस में एक दूसरे के प्रति कैसे प्रतिबद्धता रखे परस्पर सहयोग की भावना कैसे रहे , यह सोचकर पारी(पाडी) और सेरमी(सेडमी/ ्हेडमी) नात और जात या सगा और सोयरा के रूप मे समाज को व्यवस्थित करने के लिये आमन्त्रित किया ,दुनिया के अनेको जगहो से छोटे बडे देव, दानव ,मानव समूह गुरू के स्थान पर पहुचने लगे , कहानी मे यह भी सुनने को मिलत...
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