"मप्र में राज्य सभा के तीन पद और आदिवासी विधायकों की भूमिका"
मप्र के आदिवासी विधायकों आप बामनवादी पार्टियों की टिकट पर चुनाव जीत कर आये हो, आदिवासी या किसी को राज्य सभा सदस्य बनाने के लिए तुम नहीं तुम्हारे पार्टी मालिक तय करेंगे। तुम यदि आदिवासी को राज्य सभा में भेजना चाहते हो तो एस सी/एस टी विधायक एक जुट हो जाओ तीन सीट में एक एस सी/एक एस टी राज्य सभा सांसद चुनकर भेजा सकते हो। समुदाय के प्रतिनिधि हो समुदाय की आरक्षित सीट से जीतकर आते हो,यदि जरा भी स्वाभिमान का पानी है तो अपने विधायक फोरम की बैठक करो और निर्णय लो,"हमारा नहीं तो किसी का नहीं"
(गुलजार सिंह मरकाम राष्ट्रीय संयोजक गोंडवाना समग्र क्रांति आंदोलन)
मध्यप्रदेश के गोन्ड बहुल जिला और मध्य काल के गोन्डवाना राज अधिसत्ता ५२ गढ की राजधानी गढा मन्डला के गोन्ड समुदाय में अपने गोत्र के पेन(देव) सख्या और उस गोत्र को प्राप्त होने वाले टोटेम सम्बन्धी किवदन्तिया आज भी यदा कदा प्रचलित है । लगभग सभी प्रचलित प्रमुख गोत्रो की टोटेम से सम्बन्धित किवदन्ति आज भी बुजुर्गो से सुनी जा सकती है । ऐसे किवदन्तियो का सन्कलन और अध्ययन कर गोन्डवाना सन्सक्रति के गहरे रहस्य को जानने समझने मे जरूर सहायता मिल सकती है । अत् प्रस्तुत है मरकाम गोत्र से सम्बन्धित हमारे बुजुर्गो के माध्यम से सुनी कहानी । चिरान काल (पुरातन समय) की बात है हमारे प्रथम गुरू ने सभी सभी दानव,मानव समूहो को व्यवस्थित करने के लिये अपने तपोभूमि में आमंत्रित किया जिसमें सभी समूह आपस में एक दूसरे के प्रति कैसे प्रतिबद्धता रखे परस्पर सहयोग की भावना कैसे रहे , यह सोचकर पारी(पाडी) और सेरमी(सेडमी/ ्हेडमी) नात और जात या सगा और सोयरा के रूप मे समाज को व्यवस्थित करने के लिये आमन्त्रित किया ,दुनिया के अनेको जगहो से छोटे बडे देव, दानव ,मानव समूह गुरू के स्थान पर पहुचने लगे , कहानी मे यह भी सुनने को मिलत...
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