"1 नवम्बर गोंडवाना के लिये काला दिवस है" गोंडवाना के स्वर्णिम इतिहास में 1 नवम्बर सदैव काला दिवस के रूप में जाना जाता है और भविष्य में भी जाना जायेगा । कारण है कि देश में भाषावार राज्य बनाये जा रहे थे तब, हर भाषिक बहुल क्षेत्र को ध्यान में रखकर राज्यों की सीमा निर्धारित की गई ! पंजाबी, गुजराती ,मराठी, उडिया, बंगाली, कन्नड, मलयाली भोजपुरी असमी आदि भाषाओं के नाम पर उस राज्य का नाम दिया गया लेकिन, मध्य गोंडवाना राज्य जो पहले से ही अस्तित्व में था यहां गोंडी भाषा बोली जाती थी ग ोंडी भाषा की बहुलता को नकारते हुए 1 नवम्बर 1956 को मध्यप्रदेश के नाम से राज्य बना दिया । काला दिवस इसलिये भी है कि , मध्यप्रदेश तो बनाया गया लेकिन गोंडी भाषा बहुल जनसंख्या को तोड दिया गया कुछ जिलों के गोंडी भाषिकों को महाराष्ट्र में , कुछ जिलों को आन्ध्र, उडीसा, उप्र, गुजरात आदि में मिलाकर गोंडवाना की भाषाई ,सांस्कृतिक और जनसंख्या शक्ति को छत विछत कर दिया गया । यही कारण है कि विशाल एैतिहासिक गोंडवाना राज्य की जनता आज अपनी भाषा धर्म , संस्कृति और अस्तित्व को बचाने के लिये संघर्ष कर रही है । इसका सीधा जि...