"प्रकृति और पर्यावरण की सुरक्षा करता है अलीराजपुर जिले के सोण्डवा विकासखण्ड का आदिवासी बहुल ककराना ग्राम ।"
(सामुदायिक वनाधिकार के लिये ग्रामसभा ने भौतिक निरीक्षण के साथ अपना दावा प्रस्तुत किया ।)
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जल जंगल जमीन पर काम करने वाली हमारी विशेष टीम(मगन भाई एवं शंकर भाई अलीराजपुर समाधान पाटिल गुलजार सिह मरकाम भोपाल जंगलसिह परते बैतूल एवं ध्रुव भाई सतना ) ने लगातार चार दिनों से ककराना ग्राम के जल जंगल जमीन की स्थिति का स्थल निरीक्षण किया । जैसा कि हमें पूर्व में जानकारी दी गई थी कि इस ग्राम के लोगों नें अपनी परंपरागत सीमा में आने वाले वनभूमि और उस पर लगे जंगल की स्वयं रक्षा करते हुए अपने वनक्षेत्र को हरा भरा रखा है ग्रामवासियों नें मिलकर एक चैकीदार रखा है जो दिनरात अपने सीमावर्ती वनों की देखभाल करता है ग्रामवासियों का मानना है कि जंगल रहेंगे तो वर्षा होगी वर्षा होगह तो हमारी फसल होगी जब फसल सही होगा तो हमारी जीविका अच्छी तरह से चलेगी । इसी सोच को लेकर उनहोने काह कि वनविभाग के संरक्षण में पिछले 50 सालों में सारे जंगल नंगे हो गये बेस-कीमती लकडियां सरेआम चोरी हो गई इसलिये हमें सरकारी अमले पर भरोशा नहीं रहा इसलिये हमने जंगल बचाने की ग्रामवासियों के साथ जिम्मेदारी ली जिसका परिणाम है कि आज हमारे ग्राम की परंपरागत सीमा में आने वाला वन बच गया ।
जंगल की सुरक्षा तो हो रही है पर समय समय पर वनविभाग ग्रामवासियों पर जंगल के संसाधन, जलाउ सूखी लकडी, वनोपज को इस्तेमाल से रोकती रही है ,फिर भी ग्रामवासियों की एकता के कारण वन विभाग ज्यादा दबाव नहीं बना पाता है, परन्तु कब तक ग्रामवासी सरकार के भय से वन संसाधन का उपयोग नहीं करेंगे । इसी बात को ध्यान में रखते हुए हमारी टीम ने लगातार मौके पर रहकर वनाधिकार के बारे में ग्रामवासियों को ट्रेनिग देकर निस्तार क्षेत्र और सामुदायिक अधिकार की प्रक्रिया को तैयार कराया ,विधिवत संबंधित विभागों को ग्रामसभा की सूचना सहित ग्रामवासियों द्वारा अपनी परंपरागत सीमा के अंदर आने वाले संसाधनों पेड पौधे, पक्षी जानवर, गोंद ,रार ,खनिज संपदा ,नदी नाले सहित ग्राम की अर्थिक गणना पशु ,मुर्गी आदि की गणना का रिकार्ड बनाकर दिनांक 4-10-1017 को वनाधिकार समिती ककराना की पूर्व सूचनानुशार ग्राम सभा का आयोजन हुआ जिसमें वन विभाग राजस्व विभाग तथा शिक्षा विभाग के द्वारा भेजे गये नोडल अधिकारी की देखरेख में ग्रामसभा द्वारा प्रस्ताव पारित किया गया इस तरह वनाधिकार समिति के उपखण्ड स्तरीय समिति को अग्रेषित कर दिया गया । हमारी टीम का प्रयास है कि इस तरह हमें वनाधिकार कानून के तहत व्यक्तिगत दावा "क" निस्तारी दावा प्ररूप "ख" एवं सामुदायिक दावा प्ररूप "ग" की विधिवत जानकारी लेकर आदिवासियों को उनके जल जंगल जमीन के अधिकारों के लिये दावा फार्म बनवायें अन्यथा शासन प्रशासन आपको हक नहीं देने वाली । इसकी पहल स्वयं समाज को करना है । यह जल जंगल के अधिकार की अंतिम लडाई है अन्यथा आदिवासी सदैव के लिये संसाधन विहीन हो जाने वाला है समुदायिक वनाधिकार लेकर आने वाली पीढियों के लिये भूमि सुरक्षित करें, मौके पर किस तरह कार्य किया जाता है, यही संदेश देना हमारी टीम द्वारा ,ककराना ग्राम में प्रदर्शन का उददेश्य है-gsmarkam
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