अन्य राज्यों की तरह मप्र में “विधान परिषद” क्यों नहीं”
चूंकि विधान परिषद विधान मंडल विधायिका का केंद्र के “राज्य सभा” की तरह उच्च सदन होता हा जिसे त्रिस्तरीय पंचा़यत के जनप्रतिनिधियों द्वारा चुना जाता है । इसके सदस्य ग्रामीण छेत्रों के वोट से निर्वाचित होते हैं , यदि “विधान परिषद” होगा तो विधान सभा में पारित कोई कानून विधान परिषद की सहमति के बिना पारित नहीं होगा इसका सीधा मतलब है ग्राम समुदाय के प्रतिनिधियों की दखल बनी रहती है ताकि ग्रामीण छेत्रों की मंशा के विपरीत कोई कानून राज्य में न थोपा जा सके । मप्र चुनाव २०१८ में जनता की ओर से इस महत्वपूर्ण सदन की स्थापना के संबंध में विचार फैलाने का प्रयास हो ।-gsmarkam
चूंकि विधान परिषद विधान मंडल विधायिका का केंद्र के “राज्य सभा” की तरह उच्च सदन होता हा जिसे त्रिस्तरीय पंचा़यत के जनप्रतिनिधियों द्वारा चुना जाता है । इसके सदस्य ग्रामीण छेत्रों के वोट से निर्वाचित होते हैं , यदि “विधान परिषद” होगा तो विधान सभा में पारित कोई कानून विधान परिषद की सहमति के बिना पारित नहीं होगा इसका सीधा मतलब है ग्राम समुदाय के प्रतिनिधियों की दखल बनी रहती है ताकि ग्रामीण छेत्रों की मंशा के विपरीत कोई कानून राज्य में न थोपा जा सके । मप्र चुनाव २०१८ में जनता की ओर से इस महत्वपूर्ण सदन की स्थापना के संबंध में विचार फैलाने का प्रयास हो ।-gsmarkam
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