पप्पू ने गप्पू से कान में क्या कहा.....
उस दिन मैंने आपको गले लगाया था , दिल से लगाया था।
क्योंकि मेरे पापा ने evm का राज मुझे बताया था ।।
कहा था उन से बैर मत रखना, आंख मार कर जनता को बहला कर रखना।
Evm का राज औरों से तुम ना कहना,
बारी बारी से मजा लेते हुए तुम रहना।।
जब तलक हर राज्य में उसका पताका ना फहरे।
हर चुनाव में उसे बाकोबर देते रहना।।
भारत के संविधान से मैं भी उकता गया था बेटे,
तब कोई इन सा सिकंदर था न उस जमाने में,
वरना उस वक्त मैं भी ये काम कर गया होता।
तुम्हें किसी दलित और आदिवासी का नाम नहीं लेना पड़ता।
पिछड़े वर्गो पर भी आश्रित नहीं होना पड़ता ।
तब तलक हम देश में ताना शाही राज कायम नहीं कर देते ।
लोकतंत्र की जब तक धज्जियां बिखेर कर रख देते ।
तब तक इसी तरह खुद को पप्पू बनाते रखो
शुक्र है,उनसे गले लगा करके ,जरा सी आंख को दबा करके ,एक तीर से दो शिकार तुम करके ।
अपने नाना के अरमानों,को पूरा करते नजर आते हो तुम।
ईवीएम का विरोध नहीं करके भी, पप्पू राष्ट्रीय नेता कहलाते हो तुम ।-Gsmarkam
"संसद में अविश्वास प्रस्ताव का नाटक"
जब बहुमत नहीं है विश्वास गिरने वाला है यह जानकर भी अविश्वास प्रस्ताव की मंजूरी देना सरकार की तथा अविश्वास का प्रस्ताव विपक्ष द्वारा लाना संसद के बहुमूल्य समय का दुरुपयोग है । पक्ष,विपक्ष को जनता के बीच जाने का साहस नहीं आंख मिलाने की हिम्मत नहीं इसलिए संसद में बैठकर दूर से शासकीय मशीनरी और मीडिया का उपयोग कर अपने करतूतों पर पर्दा डालते हुए जनता के बीच पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं-gsmarkam
उस दिन मैंने आपको गले लगाया था , दिल से लगाया था।
क्योंकि मेरे पापा ने evm का राज मुझे बताया था ।।
कहा था उन से बैर मत रखना, आंख मार कर जनता को बहला कर रखना।
Evm का राज औरों से तुम ना कहना,
बारी बारी से मजा लेते हुए तुम रहना।।
जब तलक हर राज्य में उसका पताका ना फहरे।
हर चुनाव में उसे बाकोबर देते रहना।।
भारत के संविधान से मैं भी उकता गया था बेटे,
तब कोई इन सा सिकंदर था न उस जमाने में,
वरना उस वक्त मैं भी ये काम कर गया होता।
तुम्हें किसी दलित और आदिवासी का नाम नहीं लेना पड़ता।
पिछड़े वर्गो पर भी आश्रित नहीं होना पड़ता ।
तब तलक हम देश में ताना शाही राज कायम नहीं कर देते ।
लोकतंत्र की जब तक धज्जियां बिखेर कर रख देते ।
तब तक इसी तरह खुद को पप्पू बनाते रखो
शुक्र है,उनसे गले लगा करके ,जरा सी आंख को दबा करके ,एक तीर से दो शिकार तुम करके ।
अपने नाना के अरमानों,को पूरा करते नजर आते हो तुम।
ईवीएम का विरोध नहीं करके भी, पप्पू राष्ट्रीय नेता कहलाते हो तुम ।-Gsmarkam
"संसद में अविश्वास प्रस्ताव का नाटक"
जब बहुमत नहीं है विश्वास गिरने वाला है यह जानकर भी अविश्वास प्रस्ताव की मंजूरी देना सरकार की तथा अविश्वास का प्रस्ताव विपक्ष द्वारा लाना संसद के बहुमूल्य समय का दुरुपयोग है । पक्ष,विपक्ष को जनता के बीच जाने का साहस नहीं आंख मिलाने की हिम्मत नहीं इसलिए संसद में बैठकर दूर से शासकीय मशीनरी और मीडिया का उपयोग कर अपने करतूतों पर पर्दा डालते हुए जनता के बीच पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं-gsmarkam
Comments
Post a Comment