महामहिम राज्यपाल को क्या कहना है जनजातीय समुदाय मार्गदर्शन करता है । तब हमारा संरक्षक राज्यपाल बोलता है ।
प्रस्तुत है जनजातियों की संरक्षक महामहिम राज्यपाल मप्र द्वारा दिनांक 10 फरवरी 2018 को अभागोंगोंम के राष्टीय अधिवेशन के उदघाटन में दिये जाने वाले संबोधन की समुदाय के चिंतक "गुलजार सिंह मरकाम" द्वारा प्रस्तावित लिखित भाषण जिसके आधार पर महामहिम को अभिभाषण करना है । यह संवैधानिक परंपरा है ।
प्रस्तुत है जनजातियों की संरक्षक महामहिम राज्यपाल मप्र द्वारा दिनांक 10 फरवरी 2018 को अभागोंगोंम के राष्टीय अधिवेशन के उदघाटन में दिये जाने वाले संबोधन की समुदाय के चिंतक "गुलजार सिंह मरकाम" द्वारा प्रस्तावित लिखित भाषण जिसके आधार पर महामहिम को अभिभाषण करना है । यह संवैधानिक परंपरा है ।
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