"हम सब गण हैं जाति नहीं ।"
मित्रों जरा संभल के यह मामला बहुत संवेदन शील है
मप्र में भील, भिलाल ! राजस्थान में मीणा, मीना ! छग में गोंड ,राजगोंड !महाराष्ट्र में राजगोड, परधानगोंड ! की खाई को वैचारिक रूप से पाटना आवश्यक है, ताकि भविश्य में व्यवहारिक रूप से पट सके ।अभी रोटी बेटी व्यवहार के विवादों में ना पडकर अपने जल जंगल जमीन की समस्या ,अस्मिता और अस्तित्व की रक्षा को लेकर तो बीच के अंतर को पाटा जा सकता है । कारण कि हम सब गण हैं तभी तो जनजाति सूचि के एक एक क्रमांक में ही 20 तो कहीं 47 तो किसी क्रमांक में 25 उपजातियां एक साथ समाहित हैं जिन्हें षडयंत्र पूर्वक अलग अलग क्रमांक देकर जातियों के रूप में अलग किया गया है । इसके मूल कारण को समझे बिना उपजातियां अपने आप को स्वतंत्र जाति के रूप में अंकित कराने की होड में लगी रहती हैं ।-gsmarkam
मित्रों जरा संभल के यह मामला बहुत संवेदन शील है
मप्र में भील, भिलाल ! राजस्थान में मीणा, मीना ! छग में गोंड ,राजगोंड !महाराष्ट्र में राजगोड, परधानगोंड ! की खाई को वैचारिक रूप से पाटना आवश्यक है, ताकि भविश्य में व्यवहारिक रूप से पट सके ।अभी रोटी बेटी व्यवहार के विवादों में ना पडकर अपने जल जंगल जमीन की समस्या ,अस्मिता और अस्तित्व की रक्षा को लेकर तो बीच के अंतर को पाटा जा सकता है । कारण कि हम सब गण हैं तभी तो जनजाति सूचि के एक एक क्रमांक में ही 20 तो कहीं 47 तो किसी क्रमांक में 25 उपजातियां एक साथ समाहित हैं जिन्हें षडयंत्र पूर्वक अलग अलग क्रमांक देकर जातियों के रूप में अलग किया गया है । इसके मूल कारण को समझे बिना उपजातियां अपने आप को स्वतंत्र जाति के रूप में अंकित कराने की होड में लगी रहती हैं ।-gsmarkam
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