"भक्तिकाल की परिस्थितियां और वर्तमान दौर"
जब भारत देश में भक्ति काल के समय मनुवाद का आतंक था उस समय समाज सेवा का काम करने वाले लोग मनुवाद के खिलाफ सीधा संघर्ष ना करते हुए दोहे गीत और कविताओं के माध्यम से लोगों को जागृत करने का काम करते थे ऐसे महात्माओं जिनमें नानक ,कबीर दास, रविदास, चोखा मेला जैसे कवि लोगों को मनुवाद के विरुद्ध, जनमानस तैयार करने में आसानी हो, ताकि हम मानवीय अत्याचारी व्यवस्था का समूल नष्ट हो सके। आपको बता दूं कि आज भी मनुवाद के खिलाफ सीधा भाषण देने या किताब लिखकर उसका विरोध करने की बजाय आज कवि सम्मेलनों के माध्यम से लोगों में वर्तमान व्यवस्था के खिलाफ बात कही जा रही है तो ऐसे आयोजनों को सरकार भी मना नहीं कर सकती ,यही समय और परिस्थितियां कबीर नानक और रविदास के जमाने में थी उन्होंने अपनी कविताओं के माध्यम से लोगों को जागरूक करके एक बड़ा माहौल पैदा करने का काम किए जो आज भी हमारे लिए अविस्मरणीय हैं। इसलिए मेरा मानना है की ट्राईबल मूवमेंट में इनडायरेक्ट कहने वाले कवि पैदा हो, जिससे छोटे बड़े पढ़े लिखे लोग भी उसे मनोरंजन के साथ-साथ ज्ञान का लाभ लेकर वर्तमान व्यवस्था के विरुद्ध खड़े होकर व्यवस्था परिवर्तन में अपना सहयोग करें !
(गुलजार सिंह मरकाम राष्ट्रीय संयोजक गोंडवाना समग्र क्रांति आंदोलन)
जब भारत देश में भक्ति काल के समय मनुवाद का आतंक था उस समय समाज सेवा का काम करने वाले लोग मनुवाद के खिलाफ सीधा संघर्ष ना करते हुए दोहे गीत और कविताओं के माध्यम से लोगों को जागृत करने का काम करते थे ऐसे महात्माओं जिनमें नानक ,कबीर दास, रविदास, चोखा मेला जैसे कवि लोगों को मनुवाद के विरुद्ध, जनमानस तैयार करने में आसानी हो, ताकि हम मानवीय अत्याचारी व्यवस्था का समूल नष्ट हो सके। आपको बता दूं कि आज भी मनुवाद के खिलाफ सीधा भाषण देने या किताब लिखकर उसका विरोध करने की बजाय आज कवि सम्मेलनों के माध्यम से लोगों में वर्तमान व्यवस्था के खिलाफ बात कही जा रही है तो ऐसे आयोजनों को सरकार भी मना नहीं कर सकती ,यही समय और परिस्थितियां कबीर नानक और रविदास के जमाने में थी उन्होंने अपनी कविताओं के माध्यम से लोगों को जागरूक करके एक बड़ा माहौल पैदा करने का काम किए जो आज भी हमारे लिए अविस्मरणीय हैं। इसलिए मेरा मानना है की ट्राईबल मूवमेंट में इनडायरेक्ट कहने वाले कवि पैदा हो, जिससे छोटे बड़े पढ़े लिखे लोग भी उसे मनोरंजन के साथ-साथ ज्ञान का लाभ लेकर वर्तमान व्यवस्था के विरुद्ध खड़े होकर व्यवस्था परिवर्तन में अपना सहयोग करें !
(गुलजार सिंह मरकाम राष्ट्रीय संयोजक गोंडवाना समग्र क्रांति आंदोलन)
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