दूरियां दूर करो, गोंडियन या आदिवासी।।
आज की मांग है, मिलकर चलें सब मूलवासी।
सामने अन्याय है,अस्तित्व भी है खतरे में।
धर्म का कोड भी चुनौती बना सामने है।
एक आवाज में हुंकार भरो मूलवासी।
दूरियां दूर करो गोंडियन और आदिवासी।।
(गुलजार सिंह मरकाम रासंगोंसक्रांआं)
आज की मांग है, मिलकर चलें सब मूलवासी।
सामने अन्याय है,अस्तित्व भी है खतरे में।
धर्म का कोड भी चुनौती बना सामने है।
एक आवाज में हुंकार भरो मूलवासी।
दूरियां दूर करो गोंडियन और आदिवासी।।
(गुलजार सिंह मरकाम रासंगोंसक्रांआं)
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