प्रति,
माननीय कमलनाथ जी मुख्यमंत्री एवम् अध्यक्ष जनजाति मंत्रणा परिषद मध्य प्रदेश
विषय:-जिला एवं विकासखंड स्तर की जनजाति सलाहकार समिति शीघ्र गठित कराये जाने के संबंध में।
महोदय,
उपरोक्त विषय में यह कि मप्र राज्य,भारतीय संविधान की पांचवीं अनुसूचि के अंतर्गत घोषित राज्य की सूचि का हिस्सा है। जिसमें प्रदेश के चार जिले पूर्णत: तथा विभिन्न जिलों के 89 विकासखंड एवं माडा क्षेत्र पांचवीं अनुसूचि
के अंतर्गत घोषित हैं ,जिन्हें जनजातिय विकास के लिये विशेष दर्जा प्राप्त है। राज्य के सभी नागरिकों के समग्र उत्थान के लिये राज्य सरकार द्वारा आर्थिक बजट तैयार किया जाता है। जनजातियों और अनुसूचित घोषित क्षेत्रों को इस बजट के अतिरिक्त "आदिवासी उपयोजना" के तहत केंद्र सरकार की ओर से विशेष सहायता राशि का आबंटन होता है। अतिरिक्त आबंटन के बाद भी आदिवासी का जीवन स्तर, शिक्षा,स्वास्थ तथा आर्थिक मामले में अन्यों की तुलना में आज भी काफी पीछे है। इसका सीधा मायना है कि इस राशि का कोई विशेष लाभ इस वर्ग को नहीं मिला है। इससे यह प्रतीत होता है कि यह विशेष राशि बंदरबांट का हिस्सा होती रही है। इसके दुरूपयोग को रोकने के लिये,आपके द्वारा जिला एवं विकासखंड स्तर पर जनजातीय सलाहकार समिति के गठन किये जाने का वचन दिया गया है। ताकि इस राशि पर समिति नजर रख सके।
अत: आपसे अनुरोध है कि जनजातीय हित में विभिन्न स्तर पर जनजातीय सलाहकार समिति का गठन कर महामहिम राज्यपाल से अनुमोदित कराते हुए लागू कराने के निर्देष जारी करने की असीम कृपा करें।
भवदीय
गुलजार सिंह मरकाम
रा०सं०गोंसक्रांआं
संपर्क-8989717254
माननीय कमलनाथ जी मुख्यमंत्री एवम् अध्यक्ष जनजाति मंत्रणा परिषद मध्य प्रदेश
विषय:-जिला एवं विकासखंड स्तर की जनजाति सलाहकार समिति शीघ्र गठित कराये जाने के संबंध में।
महोदय,
उपरोक्त विषय में यह कि मप्र राज्य,भारतीय संविधान की पांचवीं अनुसूचि के अंतर्गत घोषित राज्य की सूचि का हिस्सा है। जिसमें प्रदेश के चार जिले पूर्णत: तथा विभिन्न जिलों के 89 विकासखंड एवं माडा क्षेत्र पांचवीं अनुसूचि
के अंतर्गत घोषित हैं ,जिन्हें जनजातिय विकास के लिये विशेष दर्जा प्राप्त है। राज्य के सभी नागरिकों के समग्र उत्थान के लिये राज्य सरकार द्वारा आर्थिक बजट तैयार किया जाता है। जनजातियों और अनुसूचित घोषित क्षेत्रों को इस बजट के अतिरिक्त "आदिवासी उपयोजना" के तहत केंद्र सरकार की ओर से विशेष सहायता राशि का आबंटन होता है। अतिरिक्त आबंटन के बाद भी आदिवासी का जीवन स्तर, शिक्षा,स्वास्थ तथा आर्थिक मामले में अन्यों की तुलना में आज भी काफी पीछे है। इसका सीधा मायना है कि इस राशि का कोई विशेष लाभ इस वर्ग को नहीं मिला है। इससे यह प्रतीत होता है कि यह विशेष राशि बंदरबांट का हिस्सा होती रही है। इसके दुरूपयोग को रोकने के लिये,आपके द्वारा जिला एवं विकासखंड स्तर पर जनजातीय सलाहकार समिति के गठन किये जाने का वचन दिया गया है। ताकि इस राशि पर समिति नजर रख सके।
अत: आपसे अनुरोध है कि जनजातीय हित में विभिन्न स्तर पर जनजातीय सलाहकार समिति का गठन कर महामहिम राज्यपाल से अनुमोदित कराते हुए लागू कराने के निर्देष जारी करने की असीम कृपा करें।
भवदीय
गुलजार सिंह मरकाम
रा०सं०गोंसक्रांआं
संपर्क-8989717254
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