1-छोटा हो बडा हो हिन्दु ,मुस्लिम, सिख, इसाई, बौद्ध ,पारसी हो या आदिवासी हो ! नेता हो या अभिनेता हो । स्त्री हो पुरूष हो लेखन में हो या भाषण में हो देखने सुनने में आता है कि जब सभी लोग यह जानते हुए कि इस देश का नाम हिन्दुस्तान नहीं तब अक्सर आपकी जुबान पर लेखन में सम्बोधन में देश को हिन्दुस्तान क्यों कहते हो । जिस तरह बिना मेहनत के मनुवादी व्यवस्था आपके मष्तिष्क को कब्जा करके मात्र "स्वाहा" कहने पर आपका हाथ आग में चावल घी जौ आदि को डाल देता हो । उसी तर्ज में बिना मेहनत किये मनुवादियों को हिन्दुस्तान, हिन्दुस्तान कह कर हिन्दू राष्ट का तोहफा थाली में परोसकर देने का काम कर रहे हो । कुछ नहीं तो कम से कम शब्दों पर तो नियंत्रण रखो ।
2-"ध्वस्त हो जायेगी नई बैन्किग लेन देन व्यवस्था"
"मोदी सरकार की चमड़े का सिक्का चलाने वाली, बैन्किग लेनदेन व्यवस्था का दूरगामी परिणाम जल्द ही सामने आने वाला है । जब लोग एटीएम से तीन बार से अधिक बार पैसे निकालने पर प्रतिमाह आपके खाते से कम से कम १५० रुपये की राशि बिना आपकी इच्छा से काट ली जाएगी । परन्तु भारतीय जनमानस को जिस दिन यह एहसास होगा कि हमारी मेहनत की कमाई केवल बैंक से जरूरत पड़ने पर समय समय पर इच्छानुशार निकालने पर अतिरिक्त प्रभार लगने वाला है तब वह देश की पुरातन बचत प्रणाली "पत्नि के हाथ" मे महीने के खर्च की राशि एकमुस्त निकालकर दे देगा । जिससे लेने पर कोई अतिरिक्त व्यय नही देना होगा । यदि इस तरह नुकसान हो जाने की आशन्का मे नागरिक यदि बैक से एकमुस्त राशि निकालकर घर पर रख ले तो देश के बैंक प्रणाली का क्या होगा । तात्पर्य यह कि बैंक में धीरे धीरे जमा पूंजी कम होने लगेगी । बैंक बन्द होने लगेंगे । अधिक जानकारी हो तो अवश्य कमेन्ट करें ।
2-"ध्वस्त हो जायेगी नई बैन्किग लेन देन व्यवस्था"
"मोदी सरकार की चमड़े का सिक्का चलाने वाली, बैन्किग लेनदेन व्यवस्था का दूरगामी परिणाम जल्द ही सामने आने वाला है । जब लोग एटीएम से तीन बार से अधिक बार पैसे निकालने पर प्रतिमाह आपके खाते से कम से कम १५० रुपये की राशि बिना आपकी इच्छा से काट ली जाएगी । परन्तु भारतीय जनमानस को जिस दिन यह एहसास होगा कि हमारी मेहनत की कमाई केवल बैंक से जरूरत पड़ने पर समय समय पर इच्छानुशार निकालने पर अतिरिक्त प्रभार लगने वाला है तब वह देश की पुरातन बचत प्रणाली "पत्नि के हाथ" मे महीने के खर्च की राशि एकमुस्त निकालकर दे देगा । जिससे लेने पर कोई अतिरिक्त व्यय नही देना होगा । यदि इस तरह नुकसान हो जाने की आशन्का मे नागरिक यदि बैक से एकमुस्त राशि निकालकर घर पर रख ले तो देश के बैंक प्रणाली का क्या होगा । तात्पर्य यह कि बैंक में धीरे धीरे जमा पूंजी कम होने लगेगी । बैंक बन्द होने लगेंगे । अधिक जानकारी हो तो अवश्य कमेन्ट करें ।
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