“दिनॉक १५.४.२०१८ को जनजातियों के धर्मकोड विषय पर ८ वां चर्चा सत्र सम्पन्न”
जनजातियों के धर्मकोड विषय पर ८ वां चर्चा सत्र सम्पन्न दिनॉक १५.४.२०१८ को गुजरात राज्य के ऊनी में सम्पन्न हुआ । जनजाति धर्मकोड के संबंध में कार्यवाही के लिये चयनित रा० संयोजक मा० देवकुमार धान जी , पूर्व मंत्री (विधी विभाग) बिहार की अध्यच्छता , तथा गुजरात प्रदेश के संयोजक मा० लालूभाई वसावा के मंच संचालन के माध्यम से सम्पन्न हुआ । सत्र का आरंभ भील मीणा समुदाय की अराध्या देवी “ देवमोगरा माता” जिसे कणीं कंसरी यानि अन्न माता के नाम से भी जाता है, की पारंपरिक पूजा अराधना से आरंभ हुआ । इस चर्चा में भाग लेने के लिये गुजरात राज्य से जनजातीय समुदाय की विभिन्न उपजातियों के स्थानीय अधिकारी-कर्मचारी, समाजसेवीयो के साथ साथ मप्र , महाराष्ट्र,छग,उडीसा तथा झारखंड के धर्म विषयक जानकार उपस्थित होकर धर्मकोड की आवश्यकता पर अपने विचार रखे । सभी प्रतिभागियों ने एक स्वर में धर्मकोड को अनिवार्य आवश्यकता बताया । विभिन्न प्रदेशों के प्रतिभागियों ने अपने राज्य की ओर से धर्मकोड पर सुझाव रखते हुए प्रस्तावित नाम के पक्छ में ऐतिहासिक ,भौगोलिक, संवैधानिक पक्छ को रखा । गुजरात राज्य सहित देश में भील जनजाति की जनसंख्या अन्य जनजातियों की तुलना में प्रथम है । इसलिये भील जनजाति को इस मुहिम में अग्रणी भूमिका निभाने का आव्हान किया गया । भील समुदाय के बुद्धिजीवियों ने इसे सहर्ष स्वीकार करते हुए ,” हम हिन्दू नहीं हैं” हमारा प्रथक धर्म कोड हो का नारा बुलंद करने का संकल्प लिया । -साभार अगोंसमाचार
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