“ पांचवीं अनुसूचि ,जनजातीय छेत्रों का स्थानीय संविधान है ,ग्राम समुदाय की आत्मा है”
अनुसूचित घोषित छेत्र का समुदाय अपने गॉव की परंपरागत सीमा (मेढा,सीवाना) का नजरी नक्शा तैयार कर “परंपरागत रूढि पंचायत” समिति के पास सुरच्छित रखें । साथ ही परंपरागत सीमा जिसे वनाधिकार अधिनियम २००६ के कानून में स्पष्टतया उल्लेखित किया गया है । कारण भी है कि अपनी परंपरागत सीमा के स्थावर,जंगम आदि संसाधनों के आप मालिक हैं तब मालिक के पास अपने संसाधनों का असली रिकार्ड होना आवश्यक है । तभी तो आप चुनी हुई सरकारों के तंत्र के फर्जी रिकार्ड को चुनौती दे सकते हैं । हर बिन्दु पर असली साक्छ्य चाहे वह गरीबों , अमीरों,शिच्छित अशिच्छित, स्वास्थ्य पेयजल विकलांग बच्चे बूढे जवान ,मृत-जीवित, आश्रित निराश्रितों की असली जानकारी आप ही दे सकते है । चुना हुआ प्रतिनिधी/ पंचायत/सरकार अपने सरोकारों को ध्यान में रखकर रिकार्ड तैयार करती है इसी रिकार्ड को ही आपको मानने के लिये बाद्धय होना पडता है , कारण कि आपके पास रिकार्ड संधारित नहीं है । इसलिये चुनी हुई संस्थाओं पर काबू रखना है तो आपको अपने ग्राम संपदा का रिकार्ड रखना होगा । ताकि साच्छ्य रूप में प्रस्तुत किया जा सके ।-gsmarkam
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