मूलनिवासियों के विभिन्न सामाजिक संगठन, राजनेता और राजनीतिक दलों पर नकेल(नाथ) कसने की जिम्मेदारी लें ।
मूलनिवासियों के विभिन्न सामाजिक संगठन, राजनेता और राजनीतिक दलों पर नकेल(नाथ) कसने की जिम्मेदारी लें ।
मूलनिवासियों के अधिकारों पर लगातार कुठाराघात के साथ देश में संप्रदायिकता व अराजकता का वातावरण पैदा करने वाली शक्तियों (आरएसएस और उसकी सहोदर संगठन) का साथ देने वाले व्यक्ति,समुदाय या संगठन को सीधा और स्पष्ट जवाब बहिष्कार के अतिरिक्त कुछ नहीं हो सकता । यह काम मूलनिवासियों के विभिन्न सामुदायिक संगठन बखूबी कर सकते हैं । यह समय मूलनिवासियों मे संगठित वर्ग चेतना पैदा करने का है ! ताकि मूलनिवासियों के दुश्मन , चाहे वह समुदाय का ही क्यों ना हो, उसका खुला बहिष्कार सामाजिक संगठनों के माध्यम से आसान है ।
“याद रखो “संविधान” गया तो सबकुछ चला जायेगा ।
इसी एक्ट के बहाने सही,
इससे अच्छा एकता का अवसर फिर कभी नहीं आयेगा ।।” -gsmarkam
“याद रखो “संविधान” गया तो सबकुछ चला जायेगा ।
इसी एक्ट के बहाने सही,
इससे अच्छा एकता का अवसर फिर कभी नहीं आयेगा ।।” -gsmarkam
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