1.आदिवासियों को समूल नष्ट करने के बजाए उनके धैर्य की सीमा को ही मर्यादित कर दिया जाए, ताकि वह अपने शोषण और लूट का प्रतिकार सत्ताधारियों, शोषकों के विरुद्ध ना कर सके। शासक वर्ग के लिए इससे अच्छा गुलाम बनाने का हथियार कोई नहीं हो सकता।-gsmarkam
"प्रजातांत्रिक व्यवस्था में कार्यपालिका विधायिका एवं न्यायपालिका की संवैधानिक मर्यादाएं एवं संवैधानिक सीमाएं सुनिश्चित हैं जिसका पालन करने और प्रजा से पालन करवाए जाने कि प्रजातंत्र का नाम दिया गया है।
संवैधानिक मर्यादाओं एवं संवैधानिक सीमाओं के उल्लंघन की चिंताजनक वास्तविकताओं के बीच आदिवासी क्षेत्रों एवं आदिवासियों को किस धैर्य का परिचय देना होगा इसका भी निर्धारण कार्यपालिका विधायिका एवं न्यायपालिका को सुनिश्चित कर ही देना चाहिए।"-gsm
2."खबर और ख़बरनवीस"
ख़बरनवीस का भी खबर से विश्वास उठ गया ।
मुर्दा इंसान भी आज जिंदा छप गया ।।
मरे थे भूख से जहां लाखों गरीब जन।
खबर पढ़ा तो आंकड़ा दहाई,इकाई में आ गया ।
रोज देखता था उसे सड़क पर पन्नी बटोरते ।
रिकॉर्ड,और खाना पूर्ति के लिये ख़बरों में डान हो गया ।।
ख़बरनवीस हूं खबरें तो मैं सच ही लिखता हूं ।
डेस्क पर सही था, मशीन में ऐसा कैसा छप गया ।।-Gsmarkam
"प्रजातांत्रिक व्यवस्था में कार्यपालिका विधायिका एवं न्यायपालिका की संवैधानिक मर्यादाएं एवं संवैधानिक सीमाएं सुनिश्चित हैं जिसका पालन करने और प्रजा से पालन करवाए जाने कि प्रजातंत्र का नाम दिया गया है।
संवैधानिक मर्यादाओं एवं संवैधानिक सीमाओं के उल्लंघन की चिंताजनक वास्तविकताओं के बीच आदिवासी क्षेत्रों एवं आदिवासियों को किस धैर्य का परिचय देना होगा इसका भी निर्धारण कार्यपालिका विधायिका एवं न्यायपालिका को सुनिश्चित कर ही देना चाहिए।"-gsm
2."खबर और ख़बरनवीस"
ख़बरनवीस का भी खबर से विश्वास उठ गया ।
मुर्दा इंसान भी आज जिंदा छप गया ।।
मरे थे भूख से जहां लाखों गरीब जन।
खबर पढ़ा तो आंकड़ा दहाई,इकाई में आ गया ।
रोज देखता था उसे सड़क पर पन्नी बटोरते ।
रिकॉर्ड,और खाना पूर्ति के लिये ख़बरों में डान हो गया ।।
ख़बरनवीस हूं खबरें तो मैं सच ही लिखता हूं ।
डेस्क पर सही था, मशीन में ऐसा कैसा छप गया ।।-Gsmarkam
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