"गोगपा की मध्यप्रदेश में राजनीति स्थिति स्पष्ट"
(भाजपा को सत्ता से हटाने के लिए गोंगपा मप्र में अग्रणी भूमिका निभायेगी)
देश और प्रदेश में लगातार संविधान विरोधी गतिविधियां अनुसूचित वर्ग के विरुद्ध लगातार चल रहे षडयंत्र तथा कमजोर तबकों पर अमानवीय अत्याचार अन्याय की घटनाओं से आहत समाज की भावनाओं को लेकर गोंगपा ने भाजपा को सत्ता से बाहर करने का स्पष्ट ऐलान कर दिया है। गोंडवाना के इस मुहिम के साथ मप्र में जितने भी राजनीति संगठन साथ मिलकर चलना चाहते हैं उन्हें उनकी संख्या और बजनदारी के साथ महत्त्व दिया जायेगा, कांग्रेस भी यदि भाजपा को सत्ता से बाहर करने के लिए इस मुहिम में अग्रणी भूमिका निभाने को तैयार है तो गोंगपा इसका स्वागत करती है । कांग्रेस यदि अति आत्मविश्वास के कारण इस मुहिम से दूर रहती है तो यही समझा जायेगा कि कांग्रेस, संविधान विरोधी एवं अतिवादियों को परोक्ष रूप से समर्थन के पक्ष में है। इसी तरह गैरराजनीतिक संगठन भी इस मुहिम में एकजुटता का परिचय दें अन्यथा उन पर भी संविधान विरोधी भाजपा और उसकी मातृ संस्था का परोक्ष सहयोगी माना जायेगा। यह कठोर निर्णय लेने के पीछे कारण स्पष्ट है कि। संविधान के साथ साथ छेड़छाड़ करने तथा देश में अतिवाद पैदा करने वाला भाजपा और उसके अनुषंगी संगठनों की गतिविधियां राष्ट्र द्रोह से कम नहीं है । यह जानकर भी यदि कोई राजनीतिक, गैर राजनीतिक संगठन उस प्रत्यक्ष या परोक्ष में समर्थन करते दिखाई देते हैं,तो वे भी संविधान विरोधी, देशद्रोही हैं । इस भाजपा विरोधी मुहिम को प्रथम चरण में गोंगपा द्वारा राजनीतिक, गैर राजनीतिक संगठन तक पहुंचाने का काम रही है। इसका दूसरा चरण शीघ्र ही जन जन तक पहुंचाने का होगा।-(गुलजार सिंह मरकाम ,राष्ट्रीय संयोजक गोगपा)
1- "समाज सब कुछ है"
हम तो बेनूर थे,नूर से नवाजा उसने।
पैदा तो हो गये, सम्मान दिलाया उसने।
वही है अपना खुदा,कोई माने ना माने।।
समाज ही सब कुछ है, आंखों पे बिठाया उसने।
उससे क्या दूर होके, पाओगे,ऐसी किस्मत।
लगालो,चाहे कोई तरकीब और कोई हिक्मत।।
उसी ने सर पे बिठाया,चाहो उतार देगा वो।
तुम तो खुदगर्जर रहो,ऐसा नहीं करेगा वो।। gsmarkam
2-"सल्तनत"
"जर्रा कैसे आफताब होता है ,वह तो चाहते शहंशाह होता है।
जर्रे-जर्रे पर ही लिखी हो क्यों न इबारत,
सल्तनत उसे जड़ से उखाड़ देता है।।"
आज के दौर में जो कुछ है,वह कुछ भी नहीं।
जो नहीं भी है तो,सल्तनत उसे इतिहास बना देता है।।
ख्वाहिशें जो भी तुम्हारी हैं ,सजाकर रख लो।
वो सल्तन है सारे अरमान को मिट्टी में मिला देता है।-gsmarkam
3-"क्या इतना हल्का गोंडवाना"
हवा के चंद झोंकों से क्यों भटक जाता है गोंडवाना ।
अधर में लटक जाता है थोड़े में निपट जाता है क्यों गोंडवाना।।
गौरवशाली इतिहास हो जिसके पास फिर भी,
औरों के पीछे,क्यों भागने लगता है गोंडवाना।।
इधर भी पलट जाता है,उधर भी बहक जाता है,
माइंड सेट नहीं है, इसलिए कौड़ियों में क्यों बिक जाता है गोंडवाना।।-gsmarkam
4-"मनुष्य को प्रकृति का जन्मजात तोहफा"
मनुष्य में कला के गुण जन्मजात होते हैं इन्हें कोई उभार पाता है और कोई नहीं । जो व्यक्ति इन गुणों को उभारकर और निरंतर अभ्यास से इनमें योग्यता प्राप्त कर लेता है, वह दूसरों की दृष्टि में विशेष हो जाता है,परंतु जो इन्हें नहीं उभार पाता और साधारण जीवन जीता है,उसकी ओर कोई भी ध्यान नहीं देता ऐसा व्यक्ति भीड़ का हिस्सा बन कर रह जाता है- स्वेट मॉडर्न(by akh.gond.news)
(भाजपा को सत्ता से हटाने के लिए गोंगपा मप्र में अग्रणी भूमिका निभायेगी)
देश और प्रदेश में लगातार संविधान विरोधी गतिविधियां अनुसूचित वर्ग के विरुद्ध लगातार चल रहे षडयंत्र तथा कमजोर तबकों पर अमानवीय अत्याचार अन्याय की घटनाओं से आहत समाज की भावनाओं को लेकर गोंगपा ने भाजपा को सत्ता से बाहर करने का स्पष्ट ऐलान कर दिया है। गोंडवाना के इस मुहिम के साथ मप्र में जितने भी राजनीति संगठन साथ मिलकर चलना चाहते हैं उन्हें उनकी संख्या और बजनदारी के साथ महत्त्व दिया जायेगा, कांग्रेस भी यदि भाजपा को सत्ता से बाहर करने के लिए इस मुहिम में अग्रणी भूमिका निभाने को तैयार है तो गोंगपा इसका स्वागत करती है । कांग्रेस यदि अति आत्मविश्वास के कारण इस मुहिम से दूर रहती है तो यही समझा जायेगा कि कांग्रेस, संविधान विरोधी एवं अतिवादियों को परोक्ष रूप से समर्थन के पक्ष में है। इसी तरह गैरराजनीतिक संगठन भी इस मुहिम में एकजुटता का परिचय दें अन्यथा उन पर भी संविधान विरोधी भाजपा और उसकी मातृ संस्था का परोक्ष सहयोगी माना जायेगा। यह कठोर निर्णय लेने के पीछे कारण स्पष्ट है कि। संविधान के साथ साथ छेड़छाड़ करने तथा देश में अतिवाद पैदा करने वाला भाजपा और उसके अनुषंगी संगठनों की गतिविधियां राष्ट्र द्रोह से कम नहीं है । यह जानकर भी यदि कोई राजनीतिक, गैर राजनीतिक संगठन उस प्रत्यक्ष या परोक्ष में समर्थन करते दिखाई देते हैं,तो वे भी संविधान विरोधी, देशद्रोही हैं । इस भाजपा विरोधी मुहिम को प्रथम चरण में गोंगपा द्वारा राजनीतिक, गैर राजनीतिक संगठन तक पहुंचाने का काम रही है। इसका दूसरा चरण शीघ्र ही जन जन तक पहुंचाने का होगा।-(गुलजार सिंह मरकाम ,राष्ट्रीय संयोजक गोगपा)
1- "समाज सब कुछ है"
हम तो बेनूर थे,नूर से नवाजा उसने।
पैदा तो हो गये, सम्मान दिलाया उसने।
वही है अपना खुदा,कोई माने ना माने।।
समाज ही सब कुछ है, आंखों पे बिठाया उसने।
उससे क्या दूर होके, पाओगे,ऐसी किस्मत।
लगालो,चाहे कोई तरकीब और कोई हिक्मत।।
उसी ने सर पे बिठाया,चाहो उतार देगा वो।
तुम तो खुदगर्जर रहो,ऐसा नहीं करेगा वो।। gsmarkam
2-"सल्तनत"
"जर्रा कैसे आफताब होता है ,वह तो चाहते शहंशाह होता है।
जर्रे-जर्रे पर ही लिखी हो क्यों न इबारत,
सल्तनत उसे जड़ से उखाड़ देता है।।"
आज के दौर में जो कुछ है,वह कुछ भी नहीं।
जो नहीं भी है तो,सल्तनत उसे इतिहास बना देता है।।
ख्वाहिशें जो भी तुम्हारी हैं ,सजाकर रख लो।
वो सल्तन है सारे अरमान को मिट्टी में मिला देता है।-gsmarkam
3-"क्या इतना हल्का गोंडवाना"
हवा के चंद झोंकों से क्यों भटक जाता है गोंडवाना ।
अधर में लटक जाता है थोड़े में निपट जाता है क्यों गोंडवाना।।
गौरवशाली इतिहास हो जिसके पास फिर भी,
औरों के पीछे,क्यों भागने लगता है गोंडवाना।।
इधर भी पलट जाता है,उधर भी बहक जाता है,
माइंड सेट नहीं है, इसलिए कौड़ियों में क्यों बिक जाता है गोंडवाना।।-gsmarkam
4-"मनुष्य को प्रकृति का जन्मजात तोहफा"
मनुष्य में कला के गुण जन्मजात होते हैं इन्हें कोई उभार पाता है और कोई नहीं । जो व्यक्ति इन गुणों को उभारकर और निरंतर अभ्यास से इनमें योग्यता प्राप्त कर लेता है, वह दूसरों की दृष्टि में विशेष हो जाता है,परंतु जो इन्हें नहीं उभार पाता और साधारण जीवन जीता है,उसकी ओर कोई भी ध्यान नहीं देता ऐसा व्यक्ति भीड़ का हिस्सा बन कर रह जाता है- स्वेट मॉडर्न(by akh.gond.news)
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