पांचवी अनुसूचि
देश में अनुसूचित जनजाति क्षेत्र घोशित करने या किसी क्षेत्र से इस कानून को हटाने का अधिकार राश्टपति को है । या किसी राज्य के विधान मंडल के विवेक पर अधिसूचित किया जा सकता है ।
देष के 10 राज्य पांचवी अनुसूचि के अंतर्गत घोशित राज्य हैं । जिनमें उन राज्यों के कुछ जिले तथा कुछ विकासखण्डों को संविधान में अनुसूचित क्षेत्र के अंतर्गत अधिसूचित किया गया है । मध्यप्रदेश में 4 जिला एवं 89 विकास खण्ड क्षेत्र भारतीय संविधान में जनजातियों के लिये पूर्णतः अधिसूचित किये गये हैं ।
पेसा कानून
अतः
(पंचायती राज कानून में अनुसूचित जनजाति विस्तार अधिनियम 1996)
कानून,पंचायती राज कानून के भाग 9 पर किया गया अनुसूचित घोषित क्षेत्रों के जनजातीय हित में पेसा कानून की धारा 4 की शर्तों के आधार पर विस्तार है ।
ग्राम सभा
।
बैठक (ग्राम सभा)
(हम 50 लोग या कम से कम 10 प्रतिषत लोग किसी एजेंडा को लेकर ग्राम सभा का आयोजन की सूचना निर्धारित प्रारूप में देंगे ।)
घोषणा के सात दिवस के अंदर ग्राम सभा का आयोजन होगा
सर्व सम्मति से अध्यक्ष का चयन होगा
।
अध्यक्ष
ग्राम सभा की आम सहमति से होगा ,किसी निर्वाचन प्रणाली के निकाय का निर्वाचित प्रतिनिधि नहीं होगा ।
अध्यक्ष का मंत्री मंडल
विभिन्न विभाग जैसे षिक्षा ए वन , राजस्व , जलसंसाधन, सामाजिक न्याय , सामान्य प्रसासन सहित अन्य विश पांचवी अनुसूचि
देश में अनुसूचित जनजाति क्षेत्र घोशित करने या किसी क्षेत्र से इस कानून को हटाने का अधिकार राश्टपति को है । या किसी राज्य के विधान मंडल के विवेक पर अधिसूचित किया जा सकता है ।
देश के 10 राज्य पांचवी अनुसूचि के अंतर्गत घोशित राज्य हैं । जिनमें उन राज्यों के कुछ जिले तथा कुछ विकासखण्डों को संविधान में अनुसूचित क्षेत्र के अंतर्गत अधिसूचित किया गया है । मध्यप्रदेष में 4 जिला एवं 89 विकास खण्ड क्षेत्र भारतीय संविधान में जनजातियों के लिये पूर्णतः अधिसूचित किये गये हैं ।
पेसा कानून
विभिन्न विभाग जैसे शिक्षा , वन , राजस्व , जलसंसाधन, सामाजिक न्याय , सामान्य प्रसासन सहित अन्य विषयों के लिये गठित समितियों (विभाग) के अध्यक्षों की कमेटी ।
।
ग्राम सरकार
(ग्राम सरकार ही विधायिका है जिसे नीतिगत निर्णय लेने का अधिकार है ।)
।
ग्राम सरकार का प्रसासन
(ग्राम सरकार का मंत्री मंडल या विधायिका )
।
ग्राम पंचायत का सरपंच सचिव
(ग्राम सरकार के प्रसासनिक व्यवस्थापक)
।
(सरपंच/सचिव प्रसासनिक अधिकारी की भूमिका में होंगे जो ग्राम सभा के पारित प्रस्तावों के क्रियान्वयन के लिये केवल प्रसासनिक निर्णय ले सेकेंगे)
।
ग्राम कोष
(ग्राम सरकार का स्वतंत्र को होगा जिसका संचालन ग्राम सरकार द्धारा चयनित कोषध्यक्ष करेगा)
।
बजट
ग्राम की जनसंख्या के अनुपात में बजट का बंटवारा (वर्तमान में 477 रू0 प्रति व्यक्ति)
1.जनजातियों के लिये बजट का फैसला आदिवासी ही लेगा ।
2.दलित समुदाय के लिये बजट का फैसला दलित ही लेगा ।
3.सामान्य के लिये बजट का फैसला सामान्य ही लेगा ।
।
ग्राम सभा के कार्य
1. ग्राम सभा में आम जनता की राय से प्रस्ताव तय होगा जो विभिन्न विषयो पर बहस करके यथा जल, जंगल जमीन, वनाधिकार, मनरेगा सहित नागरिक के मूलभूत सुविधाओं और अधिकारों से संबंधित हांगे का अनुमोदन करना ।
2. परंपरागत ग्राम सभा से चयनित अध्यक्ष की अध्यक्षता में ग्राम सभा नीतिगत निर्णय लेकर ग्राम पंचायत को क्रियान्वयन के लिये निर्देष देगी । तथा संबंधित विभाग के विहित अधिकारी से पत्र व्यवहार करेगी ।
3. अपनी परंपरागत सामुदायिक संपदा, जल जंगल जमीन का रिकार्ड संधारित कराना यथा नक्सा, जन्म मृत्यु ,ग्राम में नये आने जाने वालों की जानकारी, पेड पौधे ,जानवर पक्षी, नदी तालाब ,खनिज आदि का लिखित रिकार्ड रखना ।
अध्यक्ष के कार्य
1. बैठक बुलाने का अधिकार तथा ग्राम सभा के बनाये कानूनों का कहां पालन नहीं हुआ उसका वार्शिक प्रतिवेदन बनायेगा ।
2. सारी योजनाओं और बजट का नियंत्रण । (30 सितंबर तक बजट प्रस्ताव भेजवाना)
3. ग्राम सभा में पारित प्रस्ताव की प्रगति संबंधित जानकारी के लिये विभाग या कलेक्टर को पत्र लिखना ।
4. सरपंच सचिव तथा प्रसासन से
(अ) प्रगति प्रतिवेदन
(ब) खर्च प्रस्तुत कराना
(स) बजट की स्थिति के बारे में प्रतिवेदन प्रस्तुत कराना ।
5. अगली ग्राम सभा आयोजन के लिये अधिसूचना या ढिंडोरा या सूचना प्रसारित कराना ।
6. नये अध्यक्ष को दस्तावेज सहित चार्ज देना ।-gsmarkam
देश में अनुसूचित जनजाति क्षेत्र घोशित करने या किसी क्षेत्र से इस कानून को हटाने का अधिकार राश्टपति को है । या किसी राज्य के विधान मंडल के विवेक पर अधिसूचित किया जा सकता है ।
देष के 10 राज्य पांचवी अनुसूचि के अंतर्गत घोशित राज्य हैं । जिनमें उन राज्यों के कुछ जिले तथा कुछ विकासखण्डों को संविधान में अनुसूचित क्षेत्र के अंतर्गत अधिसूचित किया गया है । मध्यप्रदेश में 4 जिला एवं 89 विकास खण्ड क्षेत्र भारतीय संविधान में जनजातियों के लिये पूर्णतः अधिसूचित किये गये हैं ।
पेसा कानून
अतः
(पंचायती राज कानून में अनुसूचित जनजाति विस्तार अधिनियम 1996)
कानून,पंचायती राज कानून के भाग 9 पर किया गया अनुसूचित घोषित क्षेत्रों के जनजातीय हित में पेसा कानून की धारा 4 की शर्तों के आधार पर विस्तार है ।
ग्राम सभा
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बैठक (ग्राम सभा)
(हम 50 लोग या कम से कम 10 प्रतिषत लोग किसी एजेंडा को लेकर ग्राम सभा का आयोजन की सूचना निर्धारित प्रारूप में देंगे ।)
घोषणा के सात दिवस के अंदर ग्राम सभा का आयोजन होगा
सर्व सम्मति से अध्यक्ष का चयन होगा
।
अध्यक्ष
ग्राम सभा की आम सहमति से होगा ,किसी निर्वाचन प्रणाली के निकाय का निर्वाचित प्रतिनिधि नहीं होगा ।
अध्यक्ष का मंत्री मंडल
विभिन्न विभाग जैसे षिक्षा ए वन , राजस्व , जलसंसाधन, सामाजिक न्याय , सामान्य प्रसासन सहित अन्य विश पांचवी अनुसूचि
देश में अनुसूचित जनजाति क्षेत्र घोशित करने या किसी क्षेत्र से इस कानून को हटाने का अधिकार राश्टपति को है । या किसी राज्य के विधान मंडल के विवेक पर अधिसूचित किया जा सकता है ।
देश के 10 राज्य पांचवी अनुसूचि के अंतर्गत घोशित राज्य हैं । जिनमें उन राज्यों के कुछ जिले तथा कुछ विकासखण्डों को संविधान में अनुसूचित क्षेत्र के अंतर्गत अधिसूचित किया गया है । मध्यप्रदेष में 4 जिला एवं 89 विकास खण्ड क्षेत्र भारतीय संविधान में जनजातियों के लिये पूर्णतः अधिसूचित किये गये हैं ।
पेसा कानून
विभिन्न विभाग जैसे शिक्षा , वन , राजस्व , जलसंसाधन, सामाजिक न्याय , सामान्य प्रसासन सहित अन्य विषयों के लिये गठित समितियों (विभाग) के अध्यक्षों की कमेटी ।
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ग्राम सरकार
(ग्राम सरकार ही विधायिका है जिसे नीतिगत निर्णय लेने का अधिकार है ।)
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ग्राम सरकार का प्रसासन
(ग्राम सरकार का मंत्री मंडल या विधायिका )
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ग्राम पंचायत का सरपंच सचिव
(ग्राम सरकार के प्रसासनिक व्यवस्थापक)
।
(सरपंच/सचिव प्रसासनिक अधिकारी की भूमिका में होंगे जो ग्राम सभा के पारित प्रस्तावों के क्रियान्वयन के लिये केवल प्रसासनिक निर्णय ले सेकेंगे)
।
ग्राम कोष
(ग्राम सरकार का स्वतंत्र को होगा जिसका संचालन ग्राम सरकार द्धारा चयनित कोषध्यक्ष करेगा)
।
बजट
ग्राम की जनसंख्या के अनुपात में बजट का बंटवारा (वर्तमान में 477 रू0 प्रति व्यक्ति)
1.जनजातियों के लिये बजट का फैसला आदिवासी ही लेगा ।
2.दलित समुदाय के लिये बजट का फैसला दलित ही लेगा ।
3.सामान्य के लिये बजट का फैसला सामान्य ही लेगा ।
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ग्राम सभा के कार्य
1. ग्राम सभा में आम जनता की राय से प्रस्ताव तय होगा जो विभिन्न विषयो पर बहस करके यथा जल, जंगल जमीन, वनाधिकार, मनरेगा सहित नागरिक के मूलभूत सुविधाओं और अधिकारों से संबंधित हांगे का अनुमोदन करना ।
2. परंपरागत ग्राम सभा से चयनित अध्यक्ष की अध्यक्षता में ग्राम सभा नीतिगत निर्णय लेकर ग्राम पंचायत को क्रियान्वयन के लिये निर्देष देगी । तथा संबंधित विभाग के विहित अधिकारी से पत्र व्यवहार करेगी ।
3. अपनी परंपरागत सामुदायिक संपदा, जल जंगल जमीन का रिकार्ड संधारित कराना यथा नक्सा, जन्म मृत्यु ,ग्राम में नये आने जाने वालों की जानकारी, पेड पौधे ,जानवर पक्षी, नदी तालाब ,खनिज आदि का लिखित रिकार्ड रखना ।
अध्यक्ष के कार्य
1. बैठक बुलाने का अधिकार तथा ग्राम सभा के बनाये कानूनों का कहां पालन नहीं हुआ उसका वार्शिक प्रतिवेदन बनायेगा ।
2. सारी योजनाओं और बजट का नियंत्रण । (30 सितंबर तक बजट प्रस्ताव भेजवाना)
3. ग्राम सभा में पारित प्रस्ताव की प्रगति संबंधित जानकारी के लिये विभाग या कलेक्टर को पत्र लिखना ।
4. सरपंच सचिव तथा प्रसासन से
(अ) प्रगति प्रतिवेदन
(ब) खर्च प्रस्तुत कराना
(स) बजट की स्थिति के बारे में प्रतिवेदन प्रस्तुत कराना ।
5. अगली ग्राम सभा आयोजन के लिये अधिसूचना या ढिंडोरा या सूचना प्रसारित कराना ।
6. नये अध्यक्ष को दस्तावेज सहित चार्ज देना ।-gsmarkam
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