"गोंडवाना राज्य का वैभवकाल"
मध्यकाल में गोंडवाना राज्य के राजा रानियों और उनके खान पान परिधान और स्थानों पर कवियों परधानों भटटों द्वारा वर्णन । (शोध कार्य उपरांत प्राप्त संकलन)
(स्थान सरसेती में)
अंचन परदा कंचन पर्दा
कांचे कपड दहनारा ।
चीर बांधैं सरग दुआरा ।।
आवन खोरी बावन बटवारा
तिरपट खोरी नौ सौ हजारा
मूंगा मोतिन के लगे बजारा ।।
(परिधान)
बारा थान के लंहगा
चैादह मुटठी के तिरनी
झीकातानी अंगिया
अठारह बैलन के कानी !
चारम चीरा फरिया
चारों खूंट में बरै हीरा
तीरन के अंगिया
पूरब के चोली
झीनो मछयावर अलगा ।!
(जेवर)
राय बैजन्ति पैरी
देश भंगान तोडर
रतनजोत के खीला
गवरी गजन के चूरी
हरी सांप खंगवारी
चंदा सूरज भनयारी
सुन्नत के बिंदिया
(भोजन)
लायची दानन के चाउर
गंगा जगनी के दार
अईगुन भाटा बैगुन भाटा
ओछी कुंदरू लंबे चचेडा
सरकल बामी उडत लावा
चिकुन मुहा सुंहारी
ऐंठ मुहा ठोठरा
मत मुंहा बोबरा
लिर लुड दरिहा
दुर दुर भजिया
आदोरी बरी
धनौची तरी चटुआ नाचे घरी घरी ।।-gsmarkam
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