गोंडवाना आंदोलन की प्रमुख राजनीतिक शाखा "गोंडवाना गणतंत्र पार्टी" मप्र में २०१८ की सरकार बनाने के लिए अहम भूमिका में रहेगी ।
"गोंडवाना आंदोलन की प्रमुख राजनीतिक शाखा "गोंडवाना गणतंत्र पार्टी" मप्र में २०१८ की सरकार बनाने के लिए अहम भूमिका में रहेगी ।"
गोंडवाना आंदोलन की विभिन्न शाखाओं ने राजनीतिक शाखा के कमजोर और खंडित होने के बावजूद अपने निर्धारित कार्यक्रमों को सतत् जारी रखा । जिससे गोंडवाना आंदोलन पर ज्यादा विपरीत प्रभाव नहीं पडा । सामाजिक,धार्मिक, सॉस्क्रतिक साखाओं ने समाज को गोंडवाना की विचारधारा से बॉधे रखा । परिणामस्वरूप राजनीतिक शाखाओं गोंगपा,भागोंपा को समाज की चाहत का सम्मान करने की मजबूरी हो चुकी थी । राजनीतिक शाखाओं के प्रमुखों के बीच समुदाय के इस चाहत को पूरी करने की मजबूरी थी । अंतत्वोगत्ता राजनीतिक शाखाओं में मतभेद और दूरियॉ खत्म करने का निर्णय हुआ । इस निर्णय का प्रभाव इतना हुआ कि मप्र में गोंडवाना तीसरी बडी राजनीतिक ताकत बनकर उभर गया । इस उभार से वर्तमान सत्ता और विपक्छ भयभीत है । गोंडवाना के राजनीतिक प्रतिनिधियों के फोन,मोबाईल की घंटि़यॉ लगातार घनघना रहीं हैं , पर गोंडवाना के नेताओं का एक ही जवाब है । हम बात करने को तैयार है पर बिना "समन्वय समिति " की अनुमति से कोई चर्चा संभव नहीं । विरोधी हैरान परेशान है आखिर गोंडवाना में इतना अनुशासन कैसे आ गया कोई अकेले बात नहीं करना चाहता । साथियों गोंडवाना मे अनुशासन का सबक सिखाने वाला गोंडवाना का विशाल समुदाय है जो लगातार आपकी राजनीतिक गतिविधियो का मूल्यॉकन कर रहा था , पर अपना निर्णय सुरच्छित रखा हुआ था । इसलिये जिस समाज के प्रति आपका उत्तरदायित्व है उस जिम्मेदारी को निभाने का प्रयास करें । समाज आपको स्वयं सम्मानित करेगा । उत्तरदायित्व नहीं निभाने वाले वर्तमान जनप्रतिनिधियों की क्या इज्जत हो रही है आप स्वयं देख रहे हैं । उन्हें सामाजिक मंचो मे बुलाया नहीं जा रहा है या जगह जगह उन्हें अपमान झेलना पड रहा है । समाज की हजार आंखें होती हैं,वह सबका मूल्यॉकन करता है, पर समय पर ही जवाब देता है । इसीलिये कहा गया है,समाज के दम पर राजनीति की जा सकती है, पर राजनीति के दम पर समाज पर राजनीति नहीं नहीं की जा सकती ।-gsmarkam
गोंडवाना आंदोलन की विभिन्न शाखाओं ने राजनीतिक शाखा के कमजोर और खंडित होने के बावजूद अपने निर्धारित कार्यक्रमों को सतत् जारी रखा । जिससे गोंडवाना आंदोलन पर ज्यादा विपरीत प्रभाव नहीं पडा । सामाजिक,धार्मिक, सॉस्क्रतिक साखाओं ने समाज को गोंडवाना की विचारधारा से बॉधे रखा । परिणामस्वरूप राजनीतिक शाखाओं गोंगपा,भागोंपा को समाज की चाहत का सम्मान करने की मजबूरी हो चुकी थी । राजनीतिक शाखाओं के प्रमुखों के बीच समुदाय के इस चाहत को पूरी करने की मजबूरी थी । अंतत्वोगत्ता राजनीतिक शाखाओं में मतभेद और दूरियॉ खत्म करने का निर्णय हुआ । इस निर्णय का प्रभाव इतना हुआ कि मप्र में गोंडवाना तीसरी बडी राजनीतिक ताकत बनकर उभर गया । इस उभार से वर्तमान सत्ता और विपक्छ भयभीत है । गोंडवाना के राजनीतिक प्रतिनिधियों के फोन,मोबाईल की घंटि़यॉ लगातार घनघना रहीं हैं , पर गोंडवाना के नेताओं का एक ही जवाब है । हम बात करने को तैयार है पर बिना "समन्वय समिति " की अनुमति से कोई चर्चा संभव नहीं । विरोधी हैरान परेशान है आखिर गोंडवाना में इतना अनुशासन कैसे आ गया कोई अकेले बात नहीं करना चाहता । साथियों गोंडवाना मे अनुशासन का सबक सिखाने वाला गोंडवाना का विशाल समुदाय है जो लगातार आपकी राजनीतिक गतिविधियो का मूल्यॉकन कर रहा था , पर अपना निर्णय सुरच्छित रखा हुआ था । इसलिये जिस समाज के प्रति आपका उत्तरदायित्व है उस जिम्मेदारी को निभाने का प्रयास करें । समाज आपको स्वयं सम्मानित करेगा । उत्तरदायित्व नहीं निभाने वाले वर्तमान जनप्रतिनिधियों की क्या इज्जत हो रही है आप स्वयं देख रहे हैं । उन्हें सामाजिक मंचो मे बुलाया नहीं जा रहा है या जगह जगह उन्हें अपमान झेलना पड रहा है । समाज की हजार आंखें होती हैं,वह सबका मूल्यॉकन करता है, पर समय पर ही जवाब देता है । इसीलिये कहा गया है,समाज के दम पर राजनीति की जा सकती है, पर राजनीति के दम पर समाज पर राजनीति नहीं नहीं की जा सकती ।-gsmarkam
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