"समन्वयकर्ता या संयोजक की भूमिका"
मप्र में गोंडनाना की राजनीतिक इकाईयों में समन्वय से आदिवासी समुदाय के बुद्धिजीवि समर्थकों में खुशी की लहर है । यह खुशी केवल मप्र में ही क्यों रहे महाराष्ट्र , छग और उप्र जहां अभी भागोंपा गोंगपा की राज्य इकाईयां विधिवत संचालित है उन्हें भी स्थानीय राज्य स्तर पर समन्वय बनाने का प्रयास किया जाना है, इन प्रदेशों में स्थानीय सामाजिक संगठन अपनी भूमिका निभायें तो बेहतर होगा । वैसे पूर्व और वर्तमान राष्ट्रीय संयोजक होने के कारण मेरी जिम्मेदारी अधिक बढ जाती है । कि अन्य राज्यों के संगठनों,कार्यकताओं के बीच आपसी सामंजस्य कैसे बने । मेरा प्रयास है कि इन राज्यों के सामाजिक संगठनों से और पार्टी की दोनों इकाईयों से बातचीत कर समन्वय का रास्ता निकाला जायेगा । ताकि आने वाले 2019 के लोक सभा चुनाव हेतु राष्ट्रीय स्तर पर साझा कार्यकृम बन सके । मित्रों आप सोचते होंगे कि अन्य राज्यों के संबंध में आप क्यों लिख रहे हैं । मित्रो संगठन, विचारधारा के साथ साथ संगठनकर्ताओं के अथक प्रयास और और मेहनत से तैयार होते हैं । संगठनकार्ता के प्रति कार्यकर्ता के विश्वास पर बनते हैं, इसलिये संगठनकर्ता का दायित्व बनता है कि वह कार्यकर्ता का सम्मान रखे उनका विचारधारा के प्रति विश्वास बना रहे इसके लिये उन्हे मार्गदर्शन करे । । विचलित होने से बचाये । इसलिये मेरे इस प्रयास में आप सहभागिता निभायें ताकि सारे देश में गोंडवाना का एक स्वर सुनाई दे । जय सेवा राज करेगा गोंडवाना ।-gsmarkam
मप्र में गोंडनाना की राजनीतिक इकाईयों में समन्वय से आदिवासी समुदाय के बुद्धिजीवि समर्थकों में खुशी की लहर है । यह खुशी केवल मप्र में ही क्यों रहे महाराष्ट्र , छग और उप्र जहां अभी भागोंपा गोंगपा की राज्य इकाईयां विधिवत संचालित है उन्हें भी स्थानीय राज्य स्तर पर समन्वय बनाने का प्रयास किया जाना है, इन प्रदेशों में स्थानीय सामाजिक संगठन अपनी भूमिका निभायें तो बेहतर होगा । वैसे पूर्व और वर्तमान राष्ट्रीय संयोजक होने के कारण मेरी जिम्मेदारी अधिक बढ जाती है । कि अन्य राज्यों के संगठनों,कार्यकताओं के बीच आपसी सामंजस्य कैसे बने । मेरा प्रयास है कि इन राज्यों के सामाजिक संगठनों से और पार्टी की दोनों इकाईयों से बातचीत कर समन्वय का रास्ता निकाला जायेगा । ताकि आने वाले 2019 के लोक सभा चुनाव हेतु राष्ट्रीय स्तर पर साझा कार्यकृम बन सके । मित्रों आप सोचते होंगे कि अन्य राज्यों के संबंध में आप क्यों लिख रहे हैं । मित्रो संगठन, विचारधारा के साथ साथ संगठनकर्ताओं के अथक प्रयास और और मेहनत से तैयार होते हैं । संगठनकार्ता के प्रति कार्यकर्ता के विश्वास पर बनते हैं, इसलिये संगठनकर्ता का दायित्व बनता है कि वह कार्यकर्ता का सम्मान रखे उनका विचारधारा के प्रति विश्वास बना रहे इसके लिये उन्हे मार्गदर्शन करे । । विचलित होने से बचाये । इसलिये मेरे इस प्रयास में आप सहभागिता निभायें ताकि सारे देश में गोंडवाना का एक स्वर सुनाई दे । जय सेवा राज करेगा गोंडवाना ।-gsmarkam
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