"मप्र में गोंडवाना को एक बार पुनः राजनीति की अग्निपरीक्षा से गुजरना होगा ।"
वर्ष 2003 के बाद जब गोंडवाना अपने पूरे उफान के साथ 2008 की तैयारी में था तभी एक अप्रत्याशित घटना घटती है जिस दल को 2008 चुनाव के लिये अपना अस्तित्व बचाना मुश्किल हो गया था भयंकर षडयंत्र के तहत गोंडवाना की राजनीति में बिखराव का बीज बो दिया गया । बाद में पता चलता है कि यह बीज बोने वाली कांग्रेस थी और गोंडवाना की ओर से इस व्यूह रचना में गोंडवाना के गैर आदिवासी कथित बडे नेता शामिल थे। क्योकि गोंडवाना के मजबूत होने से कांग्रेस गर्त में जाती है । यही हू बहू घटना चुनाव 2008 आने के पूर्व बसपा के साथ घटित होती है, बसपा को भी दो टुकडों में विभाजित होना पड गया । गोंडवाना की वर्तमान एकता ने कांग्रेस को पुनः भयभीत कर दिया है । अब हमें पूरी तरह सजग होकर चलना होगा ताकि गोंडवाना की एकता और ताकत की वृद्धि में कोई जहर ना घोल दे । गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ,भाजपा को सत्ता में आने से रोकने के लिये कांग्रेस सहित किसी भी दल से गठबंधन करके चुनाव लड सकती है पर यह गठबंधन गोंडवाना के हित और शर्तों पर किया जायेगा । कांग्रेस में बैठे खाकी चडडीधारियों को यदि गोंडवाना को सीट देने की बजाय यदि तोडने से ज्यादा फायदा दिखाई देगा तो वे सम्मानजनक सीट देने की बजाय गोंडवाना को तोडने में ज्यादा विचार कर सकते हैं,इसके लिये हमारे ही बीच बैठे लोगों के माध्यम से कार्यवाही की जा सकती है । इसलिये पिछली घटनाओं से हमें सबक लेते हुए बेहतर राजनीतिक सूझबूझ से काम लेना होगा । चूंकि अब गोंडवाना के पुनरूत्थान का द्धितीय चरण आरंभ हो चुका है । गोंडवाना अब पूरी ताकत के साथ 2018 की सरकार में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने की स्थिती में होगी ।-gsmarkam
वर्ष 2003 के बाद जब गोंडवाना अपने पूरे उफान के साथ 2008 की तैयारी में था तभी एक अप्रत्याशित घटना घटती है जिस दल को 2008 चुनाव के लिये अपना अस्तित्व बचाना मुश्किल हो गया था भयंकर षडयंत्र के तहत गोंडवाना की राजनीति में बिखराव का बीज बो दिया गया । बाद में पता चलता है कि यह बीज बोने वाली कांग्रेस थी और गोंडवाना की ओर से इस व्यूह रचना में गोंडवाना के गैर आदिवासी कथित बडे नेता शामिल थे। क्योकि गोंडवाना के मजबूत होने से कांग्रेस गर्त में जाती है । यही हू बहू घटना चुनाव 2008 आने के पूर्व बसपा के साथ घटित होती है, बसपा को भी दो टुकडों में विभाजित होना पड गया । गोंडवाना की वर्तमान एकता ने कांग्रेस को पुनः भयभीत कर दिया है । अब हमें पूरी तरह सजग होकर चलना होगा ताकि गोंडवाना की एकता और ताकत की वृद्धि में कोई जहर ना घोल दे । गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ,भाजपा को सत्ता में आने से रोकने के लिये कांग्रेस सहित किसी भी दल से गठबंधन करके चुनाव लड सकती है पर यह गठबंधन गोंडवाना के हित और शर्तों पर किया जायेगा । कांग्रेस में बैठे खाकी चडडीधारियों को यदि गोंडवाना को सीट देने की बजाय यदि तोडने से ज्यादा फायदा दिखाई देगा तो वे सम्मानजनक सीट देने की बजाय गोंडवाना को तोडने में ज्यादा विचार कर सकते हैं,इसके लिये हमारे ही बीच बैठे लोगों के माध्यम से कार्यवाही की जा सकती है । इसलिये पिछली घटनाओं से हमें सबक लेते हुए बेहतर राजनीतिक सूझबूझ से काम लेना होगा । चूंकि अब गोंडवाना के पुनरूत्थान का द्धितीय चरण आरंभ हो चुका है । गोंडवाना अब पूरी ताकत के साथ 2018 की सरकार में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने की स्थिती में होगी ।-gsmarkam
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