"मप्र में गोडवाना की सरकार बनाने के लिये अजा और अजजा के वोट काफी हैं ।" (अल्पसंख्यक और अम्बेडकरी विचार के पिछडा वर्ग का साथ सोने में सुहागा का काम कर सकता है ।)
भारत देश के मूलनिवासी जनता और उनके नेत्रत्व में चल रहे दलों को कॉग्रेस के द्वारा भाजपा को दिये जा रहे गुप्त बाकोबर का एहसास एहसास नहीं । अन्यथा धीरे धीरे भाजपा का देश के सारे राज्यों में विस्तार संभव नहीं था । यह कारनामा दोनों की मिली भगत से "ईवीएम मशीन" के माध्यम से जारी है । यही कारण है कि कॉग्रेस "ईवीएम" की निश्पच्छता के मामले चुप्पी साधा हुआ है । कॉग्रेस में निचले स्तर के कुछ पराजित जनप्रतिनिधियों ने एक साथ मिलकर ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल खडे करते हुए हाईकमान तक पहुंचे परन्तु उमकी आवाज को दबा दिया गया । आखिर क्यों ? इससे स्पष्ट होता है कि कॉंग्रेस भी "ईवीएम" से सहमत है , इस मूक सहमति का कारण देश में कॉग्रेस की इहलीला समाप्त हो इससे पहले मूलनिवासी विरोधी भाजपा को पूर्णत: देश में स्थापित करा देना है ,ताकि वह संविधान में अंकित मूलनिवासियों के विशेषाधिकार को समान नागरिक संहिता लाकर समाप्त कर दे । और राज्यों की स्वायत्ता को समाप्त कर कथित"एकात्म राष्ट्रवाद "यानी छदम तानाशाही शासन की स्थापना किया जा सके । राज़्यों की शक्ति को पूरी तरह शून्य करते हुए राज्यों में उभर रही स्थानीय राजनीतिक दलों को पूरी तरह समाप्त कर देना है । इसलिये सही कहा गया है ,कॉग्रेस भाजपा भाई भाई , एक डाकू एक कसाई, इन दोनों की करो सफाई । जय सेवा जय जोहार ।।-gsmarkam
भारत देश के मूलनिवासी जनता और उनके नेत्रत्व में चल रहे दलों को कॉग्रेस के द्वारा भाजपा को दिये जा रहे गुप्त बाकोबर का एहसास एहसास नहीं । अन्यथा धीरे धीरे भाजपा का देश के सारे राज्यों में विस्तार संभव नहीं था । यह कारनामा दोनों की मिली भगत से "ईवीएम मशीन" के माध्यम से जारी है । यही कारण है कि कॉग्रेस "ईवीएम" की निश्पच्छता के मामले चुप्पी साधा हुआ है । कॉग्रेस में निचले स्तर के कुछ पराजित जनप्रतिनिधियों ने एक साथ मिलकर ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल खडे करते हुए हाईकमान तक पहुंचे परन्तु उमकी आवाज को दबा दिया गया । आखिर क्यों ? इससे स्पष्ट होता है कि कॉंग्रेस भी "ईवीएम" से सहमत है , इस मूक सहमति का कारण देश में कॉग्रेस की इहलीला समाप्त हो इससे पहले मूलनिवासी विरोधी भाजपा को पूर्णत: देश में स्थापित करा देना है ,ताकि वह संविधान में अंकित मूलनिवासियों के विशेषाधिकार को समान नागरिक संहिता लाकर समाप्त कर दे । और राज्यों की स्वायत्ता को समाप्त कर कथित"एकात्म राष्ट्रवाद "यानी छदम तानाशाही शासन की स्थापना किया जा सके । राज़्यों की शक्ति को पूरी तरह शून्य करते हुए राज्यों में उभर रही स्थानीय राजनीतिक दलों को पूरी तरह समाप्त कर देना है । इसलिये सही कहा गया है ,कॉग्रेस भाजपा भाई भाई , एक डाकू एक कसाई, इन दोनों की करो सफाई । जय सेवा जय जोहार ।।-gsmarkam
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