part-1 "एक तीर एक कमान आदिवासी एक समान । अहिन्दू है जिसकी पहचान ।।"
आदिवासियों में जयस नाम से आपसी तनाव दिखाई देता है। असली नकली आदिवासी का फर्क समझने के लिये केवल एक ही मापदंड है कि वह हिन्दू है या अहिन्दू । यदि हिन्दू धर्म का चोला ओढकर आदिवासी हित की बात करता है ,वह असली आदिवासियत से दूर है वह असली आदिवासी का हितैशी कभी नहीं हो सकता। कारण कि जब तक हिन्दू नाम की बीमारी से गृसित रहेगा तब तक वह अवसरवादी ही बना रहेगा । असली होने के लिये असली चेहरा चाहिये । अहिन्दू का चेहरा ।-gsmarkam
"मप्र में यदि 2018 में भाजपा की सरकार बनी तो इसका सबसे बडा कारण कांग्रेस होगी ।"
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी सहित प्रदेश में अनुसूचित जातियों पिछडे वर्गों का नेतृत्व करने वाली पार्टियां अपने प्रमुख मुददे प्रमोशन में आरक्षण एट्रोसिटी एक्ट ईवीएम मशीन सहित एस टी एस सी के मुख्य मुददों पर लगातार एकजुट हो रही हैं । वहीं कांग्रेस पार्टी इन मुददों को लेकर कोई बयान नहीं दे रही है । ना ही इन दलों के साथ गठबंधन पर कोई विशेष पहल करती नजर नहीं आ रही है । इसका मतलब है एस टी एस सी के संगठनो चाहे अज्जाक्स आकास हो या गोंडवाना के संगठनों को अहमियत नहीं देना कांगे्रस की सबसे बडी कमजोरी की तरह सामने आ रही है । आने वाले 2018 के चुनाव के बाद इस देश के संविधान और आरक्षण पर जो विपत्ति आने के संकेत मिल रहे हैं इससे एस टी एस सी वर्ग भयभीत है । इसलिये अपने स्थानीय राजनीतिक संगठनों को एकजुट कर महागठबंधन का स्वरूप देने में लगी हुई है । एस टी एस सी के इस भय को दूर करने के लिये यदि कांग्रेस सामने आती है तो मूलनिवासियों के सारे दल कांग्रेस के साथ गठबंधन कर भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिये तैयार हैं । एैसी परिस्थतियों में कांग्रेस की तरफ से कोई सार्थक पहल नहीं होती तो समझा जायेगा कि कांग्रेस भी भाजपा को सत्ता में बिठाकर देश के संविधान और आरक्षित वर्ग के आरक्षण को समाप्त करने में अप्रत्यक्ष रूप से सहमत है । इसलिये प्रमुख्तः एस टी एस सी वर्ग को सचेत हो जाना चाहिये कि यदि इस मामले में कांग्रेस उदासीन है तो प्रदेश में मूलनिवासियों के नेतृत्व में चलने वाले राजनैतिक दल और सामाजिक संगठन एकमत होकर प्रदेश में तीसरी शक्ति के निर्माण में अपना पूरा योगदान देंगे । परिणाम जो भी हो पर अनुसूचित वर्गों के हित में कांग्रेस का असली रूप सामने आ जायेगा जिसकी जिम्मेदारी कांग्रेस की होगी ।-gsmarkam
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