गोंडवाना का आदिवासी एकजुट रहे आदिवासी मुख्यमंत्री बनाने का अवसर आपके हाथ में है ।
गोंडवाना भूमि का आदिवासी समुदाय और बहुत से संगठन के लोग 2003 के बाद गोंडवाना के विघटन के बाद बार बार यही कहते रहे हैं और तो और कांग्रेस भाजपा में काम करने वाले आदिवासी भी सलाह देने से नहीं चूकते थे कि गोंडवाना के राजनीतिक दलों को एकजुट हो जाना चाहिये । हम सब तन मन धन और पूरी मेहनत से गोंडवाना का साथ देंगे । गोंडवाना के राजनीतिकों ने समुदाय की बात मानते हुए एकजुटता का परिचय दे दिया है अब गोंडवाना का आदिवासी समुदाय और संगठन अपनी जिम्मेदारी उठाने के लिये तैयार रहें मप्र में गोंडवाना को राजनीतिक सफलता अवश्य मिलेगी आदिवासी मुख्यमंत्री का सपना जरूर पूरा होगा । 2018 का चुनाव प्रदेश का भविष्य बदल सकता है । गोंडवाना की राजनीतिक एकता के चलते प्रदेश के अनुसूचित वर्ग अल्पसंख्यक वर्ग पिछडा वर्ग के फुले अंबेडकरी सोच वाले राजनैतिक संगठन पूरी तरह से सहयोग के लिये तैयार हैं । मप्र में तीसरी बडी ताकत बनाने को तैयार हैं । एैसे में प्रदेश में सबसे बडी जनसंख्या आदिवासी को मुखियगिरी के लिये तैयार हो जाना चाहिये । विभिन्न दलों में काम करने वाले आदिवासी भी मप्र में आदिवासी मुख्यमंत्री बनाने में अपनी अहम भूमिका निभायें अन्यथा भविष्य में आपको गुलाम गददार या ना जाने कौन कौन से पदवियों से नवाजा जाये जिसके जिम्मेदार आप ही होंगे । -gsmarkam
गोंडवाना भूमि का आदिवासी समुदाय और बहुत से संगठन के लोग 2003 के बाद गोंडवाना के विघटन के बाद बार बार यही कहते रहे हैं और तो और कांग्रेस भाजपा में काम करने वाले आदिवासी भी सलाह देने से नहीं चूकते थे कि गोंडवाना के राजनीतिक दलों को एकजुट हो जाना चाहिये । हम सब तन मन धन और पूरी मेहनत से गोंडवाना का साथ देंगे । गोंडवाना के राजनीतिकों ने समुदाय की बात मानते हुए एकजुटता का परिचय दे दिया है अब गोंडवाना का आदिवासी समुदाय और संगठन अपनी जिम्मेदारी उठाने के लिये तैयार रहें मप्र में गोंडवाना को राजनीतिक सफलता अवश्य मिलेगी आदिवासी मुख्यमंत्री का सपना जरूर पूरा होगा । 2018 का चुनाव प्रदेश का भविष्य बदल सकता है । गोंडवाना की राजनीतिक एकता के चलते प्रदेश के अनुसूचित वर्ग अल्पसंख्यक वर्ग पिछडा वर्ग के फुले अंबेडकरी सोच वाले राजनैतिक संगठन पूरी तरह से सहयोग के लिये तैयार हैं । मप्र में तीसरी बडी ताकत बनाने को तैयार हैं । एैसे में प्रदेश में सबसे बडी जनसंख्या आदिवासी को मुखियगिरी के लिये तैयार हो जाना चाहिये । विभिन्न दलों में काम करने वाले आदिवासी भी मप्र में आदिवासी मुख्यमंत्री बनाने में अपनी अहम भूमिका निभायें अन्यथा भविष्य में आपको गुलाम गददार या ना जाने कौन कौन से पदवियों से नवाजा जाये जिसके जिम्मेदार आप ही होंगे । -gsmarkam
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