24 जून 2018 को "जबलपुर चलो" "जबलपुर चलो।"
(24 जून गोंगपा द्वारा आयोजित गोंडवाना की महारानी दुर्गावति मरावी के शहादत दिवस को गोंडवाना महाशक्ति संगम के रूप में विख्यात करें।)
गोंडवाना की सामाजिक सांस्कृतिक आर्थिक राजनैतिक धार्मिक व्यवस्था सदैव मानवहितैषी रही है । प्रकृति के नियमों के सापेक्ष में अपने क्रियाकलापों के चलते गोंडियन दर्शन संपूर्ण जीव जगत स्थावर जंगम के साथ मित्रवत व्यवहार करता आया है । यही कारण था कि गोंडवाना की राज व्यवस्था को हर जाति वर्ग और संप्रदाय ने सहर्ष स्वीकार करते हुए बावन गढ संतावन परगनों को अक्षुण और अजेय बनाये रखा । आज भी गोंडवाना की व्यवस्था मानव हितैषी बनी हुई है । परन्तु प्रजातंत्र में जनता का संवैधानिक नेतृत्व यानि कथित जनसेवक सुविधाओं और विलासिता पर केंद्रित होकर सेवा भाव से दूर हो चुके हैं । सुविधा और विलासिता को पाने के लिये किसी भी हद तक गिरा जा सकता है एैसी मानसिकता ने जन सेवा समाज सेवा का मायना ही बदल दिया है । जिसे ठीक किये बिना सुन्दर स्वस्थ समृद्व समाज एवं राज्य या राष्ट्र की कल्पना को साकार नहीं किया जा सकता । 24 जून महारानी दुर्गावति के बलिदान दिवस को गोंडवाना की विचारधारा को महाशक्ति संगम के रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास हो ताकि राज्य के आम नागरिक को विश्वास हो जाये कि गोंडवाना की विचारधारा के वाहक एकजुट होकर सुन्दर स्वस्थ समृद्व समाज एवं राष्ट्र की कल्पना को साकार करने के लिये पुनः गोंडवाना राज की विशेषताओं को आदर्श को स्थापित करने के लिये प्रतिबद्व हैं ।-gulzar singh markam (co-ordinator ggp)
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