" CAA कानून के आने से आदिवासी समाज में क्या प्रभाव पड़ेगा ? ( इस विषय पर परिचर्चा, जनचर्चा, ज्ञापन, प्रदर्शन कर रद्द कराने में देश के सभी आंदोलनकारियों के साथ खड़े होकर अपना योगदान दें।) इस कानून में संविधान की छठवीं अनुसूची के अंतर्गत आने वाले पूर्वोत्तर राज्यों की संस्कृति, पहचान और जनसंख्या को प्रदान की गई संवैधानिक गारंटी की संरक्षा और बंगाल पूर्वी सीमांत विनियम- 1973 की "आंतरिक रेखा प्रणाली"(inner line) के अंतर्गत आनेवाले क्षेत्रों को भी कानूनी संरक्षण प्राप्त है, को बरकरार रखा गया है परंतु पांचवी अनुसूचित क्षेत्र में आने वाले राज्यों के लिये किसी भी प्रकार का एक्ट में जिक्र नहीं किया गया है । इसका मतलब यह भी होगा कि जिस तरह आसाम के स्थानीय गरीब लोग,अंग्रेजीकाल में चाय बगानों में गये विभिन्न राज्यों के भारतीय जो अपनी नागरिकता साबित करने में नाकाम हो रहे हैं।अब आदिवासी को भी अपने आप को भारत का नागरिक होना सिद्ध करना पड़ेगा। यानि आपकी पुरातन जड़ों को उखाड़ कर नये पौधों की कतार में खड़ा होना होगा,अब आप देश में विशेष नहीं रह जायेंगे। जो सरकार का आगामी...