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Showing posts from September, 2020

"किसान विरोधी तीन बिल संसद में पारित इसके पीछे का काला सच क्या है जाने।"

किसान का उत्पादन मंडियों में घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य के आधार पर खरीदा जाता था जिसे मंडी के बाहर भी व्यापारी को उस मूल्य से कम करके नहीं लेना होता था परंतु इस नए कानून में किसानों के लिए ऐसी स्थिति पैदा कर दी की वह कहीं भी भेजें अब तक यही होता आया है की व्यापारी मनमाने भाव से किसानों की उपज को पहले भी खरीदता था अभी भी यही करेगा क्योंकि पहले शासन का दबाव होता था की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर ही व्यापारी अनाज को खरीदेंअन्यथा उनके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही हो जाती थी अब इससे छूट मिल गई है। इसका जो सबसे महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने वाला है वह यह कि अब मंडी में अनाज नहीं जाएगा छोटा व्यापारी भी कृषि उपज को इतना खरीद नहीं पाएगा क्योंकि उसे बड़े बाजार में बेचने के लिए केवल कारपोरेट घरानों पर निर्भर होना पड़ेगा वही यह कारपोरेट घराने उस उपज को लेना चाहे तब लेंगे नहीं लेना चाहेंगे तो नहीं लेंगे छोटा व्यापारी भी इसमें नुकसान में रहेगा कारपोरेट कंपनियां उनकी भी मजबूरी का फायदा उठा कर मनमाने भाव से कृषि उपज को सस्ते दामों में खरीदकर भंडारण कर लेंगी और वहीं पर शासकीय मंडियों में अनाज नहीं रहेगा तब यही कंपन