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Showing posts from November, 2021

"गोंड समुदाय एवं उनकी उपजातियों की अपनी पारंपरिक रुढी प्रथा"

"गोंड समुदाय एवं उनकी उपजातियों की अपनी पारंपरिक रुढी प्रथा" ""पेनकड़ा व्यवस्थापक एवं व्यवस्था" व्यवस्थापकगण:- 1 - पाटालिर (पाटाड़ी,परधान) , 2 -कड़ा झाड़िया, 3 -अटका भंडारी, 4 - माटिया, 5 -पटाऊ, 6 -गाडवा, 7 -पांच पंच - (भुमका, नाते रिश्तेदार, समधी ग्रुप के हो सकते हैं ।) पेन कड़ा की व्यवस्था:- 1- पाटालिर आने वाली रैयत को उसके दोष के हिसाब से नदी, तालाब, पोखर के पानी में खड़ाकर उसका दोष पूछकर उससे उपस्थित रैयत के समक्ष कुबूल करवाता है और उसके हाथ में तान्दरी(हल्दी चावल) उसे जल छोड़ने एवं आगे गल्ती न दोहराने की हिदायत देता है ( इसे मैली छाटना कहते हैं) २- करा झारिया;-देव खलिहान की साफ सफाई की जिम्मेदारी. ३-अटका भंडारी;-देव खलियान के अंदर बन्ना बनाना जो कुटकी और उड़द दाल का होता है । ४.माटिया;-परिवार घर में कोई घटनाएं घटी या दोष सिद्ध हुआ है उसकी जानकारी देव सवारी के माध्यम से देने वाला. ५-पटाऊ:-परिवार का मुखिया जो परिवार में होने वाले गुण दोष की सजा या खर्चा तय करता है। ६:-गाडवा(पटाऊ की घरवाली):- पटाओ द्वारा दिया गया जो पूजा के सामान का घर में जाकर बनना ब

जाति कबीला और पारंपरिक रूढि प्रथा

" जाति और कबीला भारत देश में आदिवासी समुदाय के चार प्रमुख कबीले है। १."गोंडियन कबीला " दक्षिण पूर्व की गोंड, प्रधान कोरकू ओझा पनका अहीर/गायकी बैगा भारिया ढीमर आदि समस्त उपजातियां जो एक धार्मिक सांस्कृतिक पहचान रखते हैं। २. "भीलियन कबीला" पश्चिमोत्तर की भील,भिलाला बारेला मीणा शेरिया(शहरिया) और उसकी समस्त उपजातियां जो एक सामाजिक, धार्मिक सांस्कृतिक पहचान रखते हैं। ३."कोलारियन कबीला" उत्तर-पूर्व की मुंडा उरांव कोल संथाल और उसकी समस्त उपजातियां जो एक सामाजिक, धार्मिक सांस्कृतिक पहचान रखते हैं। ४."मंगोलियन कबीला" पूर्वोत्तर की प्रमुख नागा खासी और कुकी जनजाति।और उसकी समस्त उपजातियां जो एक सामाजिक, धार्मिक सांस्कृतिक पहचान रखते हैं। नोट:-(इन्हीं प्रमुख कबीलों से उत्पन्न वर्तमान समूहों (उपजातियों)को वर्गों के रूप में संविधान में उल्लेखित किया गया है। जो विदेशी आक्रमणकारी समूहों यथा शक,हूण,आर्य -यवन, यहूदी, अफगानी पठान-अंग्रेज फ्रांसीसी डचों के संसर्ग में आकर जातियों में विभक्त हो गये ) नोट:-ध्यान रहे जातियों समूहों में विभक्त रहकर पांचवी अनुस