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धर्मांतरण

आजकल धर्मांतरण के नाम पर राष्टीय स्तर पर बहस छिडी हुई है बडे बडे कथित हिन्दूवादी नेता धर्मांतरण पर देष के सनातनी मूलनिवासियों को भडकाने का काम कर रहे हैं लव जिहाद का घी डालकर देश के अमन चैन को खराब करने का काम कर रहे हैं । इस देश के मूलनिवासी पिछडावर्ग अनुसूचित जाति जनजाति सभी को हिन्दु बताकर घर वापसी की बात कर रहे हैं । इस देश के सनातन मूलनिवासीयों को पता नहीं कि हिन्दु शब्द का प्रयोग 12 वी सदी से प्रयोग हुआ है ं देष का सनातन धर्म मूल प्रकृति धर्म जो ब्राहमन धर्म अर्थात मनुवादी व्यवस्था से लगातार संघर्ष कर रहा था । इस बीच इस्स्लाम धर्म के देष में मौजूदगी के कारण मनुवादी धर्म को सनातनियों से संघर्ष के साथ साथ इस्लाम से भी दो दो हाथ करना पडा तब ब्राहमण धर्म के नायकों ने अपने आप को सरेंडर करना आरंभ किया मुगल सल्तनत से समझौता करते हुए पद औहदे प्राप्त करने के लिये अपनी बहन बेटियों को सोंपकर अपने आप को बचाया ओर मुगल सल्तनत में नवरत्न जैसे ओहदे प्राप्त किये । परन्तु खुद तो सरेंडर हुए लेकिन सनातनी मूलनिवासी जनों को सल्तनत के विरूद्ध हिन्दु नाम से भडकाते रहे । यही काम अंग्रेजों के समय भी हुआ पद और ओहदे प्राप्त कर खुद ऐश करते रहे सनातनियों को इसाइयों के विरूद्व भडकाते रहे । आज भी तथाकथित हिन्दुओं के अगुआ अपनी बहन बेटियों को मुस्लिम नेता फिल्म स्टार्स और उदयोग पतियों को दे देते हैं और आम सनातनी मूलनिवासियों को उनके विरूद्व भडकाने का काम करते हैं । इसे समझना होगा । आज 800 सौ साल बाद हिन्दुओं का षासन आने वाली बात करते हैं क्या इसके पूर्व 68 साल से किसका शासन चल रहा था । क्या ये हिन्दु नहीं थे । हमें पुनः सोचना पडेगा अब से 68 साल पिछला षासन सनातनी हिन्दुओअर्थात मूलनिवासियों के मिश्रण से चल रहा था । अब पूर्णतः ब्राहमण के नेतृत्व में चलने वाला है । चाणक्य नीति पुनः अपने चरम पर आने वाली है । मूलनिवासी राजा चन्द्रगुप्त मौर्य को गददी में बिठाकर चाणक्य ने जिस तरह मूलनिवासियों का कत्ल कराया था ठीक उसी तरह इतिहास पुनः दोहराया जा रहा है । सनातनी मूलनिवासी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राजा बनाकर आरएएस रूपी चाणक्य नीति के माध्यम से मूलनिवासियों के अस्तित्व को समाप्त करने बीडा उठाया गया है । इसके लिये माहौल बनाया जा रहा है । हम सनातनी मूलनिवासी हिन्दुसनातन धर्म के अंदर छुपे ब्राहमन धर्म को पहचाने तथा हिन्दु की अगुवाई करने वालों से पूछें कि अपनी बहन बेटियों को गैर हिन्दुओ को क्यों देकर रिस्तेदारियां पाल रहे हो । [ पूर्व में तथाकथित हिन्दुत्व की अगुवाई करने वाले नेताओं की मुस्लिम लोगों को अपनी बहन बेटियां दिये जाने तथा रिस्ते नातों को फेसबुक में पोस्ट किया जा चुका है ।]
" घर वापसी " अब हिन्दु संगठन धमकी भरे लहजे में बोलने लगे हैं जैसे उन्हें भी पता होना चाहिये कि मुस्लिम ईसाई का देष अलग होने की बात कर रहे हैं तब इस देष के मूलनिवासी को भी एैसे संगठनों को याद दिला देना चाहिये कि यह देष हिन्दुओं का नहीं यह देष इस देष के मूलनिवासियों का है यदि आप देष में इस तरह की भाषा का उपयोग करके देष का माहौल गडबड करना चाहते हैं तो आपको भी इस देष में रहने का हक नहीं हैं आपको अपने निवास भूमि अजरबाईजान जाना होगा क्योंकि आर्यों का जन्मस्थल यही है । जहां तक धर्मांतरण की बात है मुस्लिम या ईसाई को घर वापस होना होगा तो वह असमानता वाले घर में क्यों जायेगा वह अपने घर पर ही अपने पुरखों के मूल घर में जायेगा घर वापसी के नाम पर अतिवादी लोग एक तरह की धमकी ही दे रहे हैं तब ये समुदाय आसमान से गिरकर हिन्दु धर्म रूपी खजूर में क्यों लटके उसे मूल धर्म के धरातल में पहुचाओ तभी तुम्हारी धर वापसी है ।

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