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शमभू नरका

शमभू नरका हिन्दी में शिवरात्रि  माघ पूर्णिमा को अार्यो ने अपने छल कपट से मादाउ यानी हमारे पित्रपुरुस शमभूशेक को भोजन में जहर मिला कर दे दिया ताकि किसी तरह उनकी मृत्यु हो जाये। और हम गोडवाना भूभाग में निर्भय होकर अपनी सत्ता स्थापित कर सकें लेकिन शमभूशेक १३ दिन बाद ही बेहोशी से उबर गये थे जिस रात को उनकी बेहोशी टूटी वह माह और दिन शमभू नरका या शिवरात्रि के नाम पर जाना जाता है
Narayan Gajoriya यह घटना मध्यप्रदेश के दतिया जिले के प्रचीन बम्होरगढ़ स्थित व्यास तलैया की है जहाँ अम्रत मंथन ( समुद्र मँथन ) के नाम पर हुये समझोते के बाद भोजन मेँ जहर मिलाकर परोसा गया था ।

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