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"राजनीति या नीति का राज"

"राजनीति या नीति का राज"
सत्ताधारी राजनीतिक दलों की नीतियों के आंतरिक राज की जानकारी आम जनता को नहीं होने के कारण आतंकवाद, नक्सलवाद और भृष्टाचार, बलात्कार पनपता है या पनपाया जाता है । 
सभी राजनीतिक दलों की राजनीतिक घोषणा पत्र देशहित और जनहित की होती है । एैसा प्रचारित भी किया जाता है । फिर अव्यवस्था क्यों । कहीं कोई राज तो नहीं छुपाकर रखते हैं राजनीतिक दल । 
इस राजनीति को दूसरे तरीके से समझा जाय तब राजनीतिक दलों की असलियत का पता चलता है । 
1-राजनीति यानि देश पर अपने विचारों के माध्यम से संविधान और सत्ता चलाना
2-अपनी नीतियों के अंदर छुपे राज को अमल में लाना, जिस राज को केवल दल का "नीति नियंता" ही समझता है ।
( दलों की राजनीतिक घोषणा पत्र को नहीं ,दलों की नीतियों के अंदर छुपे राज को समझना जानना राजनीति समझ है । )-gsmarkam

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