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छ: मासी और बारहमासी गली

 "छ: मासी और बारह मासी गली"

                 (कहानी)

बचपन में हमने कहानी सुनी थी आज के परिवेश में गोंडवाना मिशन की समय दिशा तय करने में इस कहानी का काफी योगदान हो सकता है !

कहानी कुछ इस तरह है:-

                 चिरान जुग (पुराने जमाने) की बात है कुछ लोगों का समूह किसी लक्ष्य की प्राप्ति के लिए एक निर्धारित स्थान पर जा रहा था । चलते चलते बियाबान जंगल मैं दो रास्ते दिखाई दिए यात्री असमंजस में पड़ गए कि किस गली से जाया जाए। आसपास देखने पर पता चला की पास ही में एक  झोपड़ी थी जाकर देखा तो वहां पर एक बूढ़ी मां थी, उन्होंने उनसे बातचीत करते हुए पूछा कि कब से हो रही हो तब बूढ़ी मां ने बताया कि मैं यहां बरसों से रह रही हूं ताकि लोगों को उस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए उचित मार्गदर्शन कर रास्ता बता सकूं , क्योंकि अभी तक जो भी वहां गए हैं वे अभी तक लौट कर नहीं आये, जो भी गया है अभी तक लौट कर नहीं आया, मुझे मालूम है कि आप लोग भी जल्दबाजी में है,आप लोग भी यही गल्ति करेंगे। बूढ़ी मां के इस रहस्यमई बात को सुनकर यात्रियों की जिज्ञासा और आशंका बढ़ गई उन्होंने कहा कि आप हमें बताएं की जो लोग गए थे वह अभी तक वापस क्यों नहीं हुए।"बूढ़ी मां ने अपनी बात कहते हुए कहा कि लोग आते हैं यह दो रास्ते देखकर मुझसे जरूर पूछने आते हैं इन दोनों रास्तों में उस लक्ष्य तक किस रास्ते से जल्दी पहुंचा जा सकता है। मैं उन्हें "छह मासी(महीने)" रास्ता और "बारहमासी" रास्ता को बता देती हूं क्योंकि वे जल्दबाजी में होते हैं इसलिए छ:मासी रास्ते पर चले जाते हैं आप लोगों ने गहराई से पूछा है इसलिए मैं आप लोगों को छ: मासी और बारहमासी गली की पूरी बात बताना चाहूंगी, वैसे तो छ: मासी गली से बहुत जल्दी पहुंचा जा सकता है, परन्तु इस रास्ते में बहुत सारी अड़चनें है, इसके लिए पूरी तैयारी के साथ जाना चाहिए , चूंकि अब तक वहां से कोई वापस नहीं आया इसलिए इस रहस्य के बारे में किसी को पता नहीं ,मेरे बाप दादा इसी स्थान के रहने वाले थे उनके मुंह से भी मैंने दोनों रास्तों की कहानी सुनी थी उनका कहना था की छह माह वाले रास्ते पर बियाबान जंगल नरभक्षी जानवर नरभक्षी मनुष्य नरभक्षी पेड़ पौधे है और उनका कहना था कि उस रास्ते में एक भयंकर शैतान रहता है जो आने वालों को अपना शिकार बना लेता है। बारहमासी वाली गली लंबी है परंतु सुगम और सरल है ज्यादा समय भले ही लगेगा लेकिन आप लोग उस लक्ष्य तक जरूर पहुंचेंगे। परंतु ध्यान रहे लक्ष्य हासिल करने के बाद खुशी और जोश में 6 मासी गली की तरफ से मत लौटना क्योंकि कुछ लोग बारहमासी गली उस पर भी गए परंतु वह लोग भी लौट कर नहीं आए कहीं वे लक्ष्य हासिल कर उसकी खुशी मैं मदहोश होकर जल्दी वापस होने की लालच में अपनी जान गवा बैठे। आप लोग मेरी बातों को ध्यान से सुने, मेरे मां बाप ने मुझे बताया था कि 1 दिन जरूर कोई महान व्यक्ति आएगा जो लक्ष्य हासिल करने वाला होगा शायद मेरा काम अब पूरा हुआ,इसलिए मुझे भरोसा है कि आप लोग लक्ष्य हासिल करके जरूर सकुशल वापस आएंगे इतना कहकर वह बूढ़ी मां आलोप (अदृश्य) हो गई । 

प्रस्तुति :-गुलजार सिंह मरकाम

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