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कोर्ट का सहारा लेकर इस देश में फासीवाद या तानाशाही शासन की नीव

"आरक्षण सहित हर बात पर कोर्ट का सहारा लेकर इस देश में फासीवाद या तानाशाही शासन की नीव जमाना चाहता है आर एस एस ।"
''इस विषय की गहराई में जायें तो बहुत दूर तक इसके परिणाम को महसुस करो तब पता लगेगा कि जब से इस देश में आर एस एस जैसी विचारधारा ने अपने पैर जमाने शुरू किये थे तब से ही प्रयास था कि इस देश में मूलनिवासियों को कब्जे में रखने के लिये प्रजातांत्रिक संविधानिक व्यवस्था के चलते क्या किया जा सकता है । सो इस विचारधारा के पोषक जो कि कांग्रेस भाजपा सहित अन्य पार्टियों में बकायदा मौजूद हैं । जो समय समय पर मूलनिवासियों के विरूद्ध तानाबाना बुनने में सहायक होते रहे हैं । आजादी के आरंभिक वर्षों में अपने आप को मजबूत करने में लगाये । एक ओर भारतीय संविधान में मूलनिवासियों के हित में अंकित प्रावधान आरक्षण के माध्यम से शासन प्रशासन में लगातार बढते प्रतिनिधित्व के कारण से इनको परेशानी होने लगी भय ओर आतंक से अपनी विचारधारा को स्थापित करने में संविधान आडे आता है इसलिये इन्हाने अपने लिये हर विषय के लिये निराकरण का रास्ता निकाला कोर्ट का जिसमें न्याय का वास्ता देकर आपके हितो में लगातार कमी लाकर आपको कमजोर बनाया जा सके । प्रथमदृष्या लोगों को लगेगा कि कोर्ट ने सही न्याय किया है पर सही न्याय की अपेक्ष नहीं की जा सकती क्योंकि हाईकोर्ट सुपी्रकोर्ट में मूलनिवासियों का प्रतिनिधित्व ना के बराबर है । आप ही सोचें कि कानून के मामले में देश की संसद से बडी ताकत किसी को नहीं पर संसद के पावर को कोर्ट की तरफ क्यों हस्तांतरित किया जा रहा है । कारण है कि संसद और विधानसभाओं में उस विचार धारा का बहुमत नहीं होता इसलिये ये मजबूर होते हैं । न्यायालय पर हमें संसद से ज्यादा भरोशा नहीं करना चाहिये न्यायालय के रास्ते से होते हुए ये तानाशाही मार्ग की ओर अग्रसर हैं इन्हें मुहतोड जवाब देने के लिये राजनीतिक चेतना की आवश्यकता है, सत्ताधारी बनने की आवश्यकता है । आरक्षण के भय को वोट की ताकत खत्म कर सकती है । वोट की ताकत का भय दिखाकर मूलनिवासी समाज किसी सरकार को अपने कदमो में झुकाने के लिये मजबूर कर सकती है तब कोर्ट किस खेत की मूली है । सावधान ! प्रमोशन में आरक्षण समाप्त होने से भयभीत अधिकारी कर्मचारी गण आप यह काम कर सकते हैं आपके पास बुद्धि है थोडा बहुत धन है समाजहित में इसका उपयोग करों शासन प्रशासन आपके कदमो में होगी !

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