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*मप्र में राजनीतिक चेतना के लिये विधान परिषद का गठन होना चाहिये ।*

*मप्र में राजनीतिक चेतना के लिये विधान परिषद का गठन होना चाहिये ।*
"मध्यप्रदेश में राजनीतिक चेतना की कमी का कारण प्रदेश में विधान परिषद का गठन नहीं होना भी हो सकता है कारण कि जिस तरह से विधान परिषद का चुनाव होता है उसमें भाग लेने वाले मतदाता कालेज स्थानीय निकाय और विधायकों द्वारा चुने जाते हैं । जब संसद में दो सदन हैं तो संसदीय परंपरानुशार प्रत्येक राज्य में दो सदन होना चाहिये । क्या मप्र राज्य के नेता विधायिका शक्ति का विकेंद्रीकरण नहीं चाहकर एक सदन के माध्यम से मनमानी करना चाहते हैं ।"
*विधान परिषद्*
भारतीय संसद के उच्च सदन राज्यसभा की तरह विधानपरिषद एक स्थायी निकाय है जो कभी विघटित नहीं होतीण् इसका प्रत्येक सदस्य यएमएलसीद्ध छह वर्ष के लिए अपनी सेवा देता है और इसके एक तिहाई सदस्य प्रत्येक दो वर्ष में सेवामुक्त हो जाते हैं वर्तमान में भारत के छह राज्यों में विधान परिषद है आंध्र प्रदेश बिहार जम्मू और कश्मीर कर्णाटक । महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश ।
*विधान परिषद् सदस्य बनने के लिए योग्यताएं*
1.वह व्यक्ति भारत का नागरिक हो
2.30 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुका होण्
3.वह मानसिक रूप से स्वस्थ होना चाहिए
4.वह दिवालिया नहीं घोषित होना चाहिए
5.वह उस राज्य की मतदाता सूची में पंजीकृत होना चाहिए जहाँ से वह चुनाव लड़ रहा हो ।
*विधानपरिषद के सदस्यों का चुनाव*
a. एक तिहाई सदस्य स्थानीय निकायों जैसे नगर निगम नगरपालिका और जिला परिषद बोर्ड आदि द्वारा चुने जाते हैं ।
b. एक तिहाई सदस्यों का चुनाव विधानसभा के सदस्यों द्वारा किया जाता है किन्तु ये उम्मीदवार विधानसभा के सदस्य नहीं होने चाहिए ।
c. 1/12 सदस्यों का निर्वाचन राज्य में 3 वर्ष से रह रहे स्नातक करते हैं ।
d. 1/12 सदस्यों का निर्वाचन उस राज्य में 3 वर्ष से अध्यापन कर रहे लोग चुनते हैं लेकिन ये अध्यापक माध्यमिक स्कूलों या (कॉलेज विश्वविद्यालय भी शामिल) से कम के नहीं होने चाहिए ।
e. शेष या 1/6 सदस्यों का नामांकन राज्यपाल द्वारा उन व्यक्तियों में से किया जाता है जो साहित्य ज्ञान कला सहकारिता आंदोलन और समाज सेवा का विशेष ज्ञान व व्यावहारिक अनुभव रखते हों ।-gsmarkam

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