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अस्तीन के सांपों से सावधान

"अस्तीन के सांपों से सावधान"
 "वादा किया है तो निभाना पड़ेगा,
नहीं निभाया तो भुगतना पड़ेगा"
मध्य प्रदेश सरकार ने जनता पर कोई नया टैक्स नहीं लगा कर अच्छा काम किया है पर वन भूमि के काबीजों पर लगातार अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाकर माननीय मुख्य मंत्री जी के निर्देशों की अवहेलना सरकार को महंगी पड़ सकती है।
किसानों की कर्ज माफी के नाम पर कमलनाथ सरकार कटघरे में आ सकती है। जिलों में प्रशासनिक अधिकारी यह कह रहे हैं की यह केवल फसल ऋण योजना के तहत कर्ज माफी हुई है बाकी पम्प,ट्रैक्टर या अन्य काम जोकि कृषि से संबंधित हैं,(जबकि वचनपत्र में किसानों की कर्ज़ माफी का वचन दिया गया है ) का कर्ज लिया है तो उसे पटाना पड़ेगा इससे किसान आहत है अंदर ही अंदर कर्ज माफी के नाम पर किसानों में असंतोष पैदा हो रहा है। जो भविष्य में कमलनाथ सरकार के विरुद्ध जाने की संभावना है जिसका उपयोग विपक्षी दल कर सकता है। इसलिए जैसा कहा है वैसा किया जाए।
(गुलजार सिंह मरकाम राष्ट्रीय संयोजक गोंडवाना समग्र क्रांति आंदोलन)

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"मरकाम गोत्र के टोटम सम्बन्धी किवदन्ती"

मध्यप्रदेश के गोन्ड बहुल जिला और मध्य काल के गोन्डवाना राज अधिसत्ता ५२ गढ की राजधानी गढा मन्डला के गोन्ड समुदाय में अपने गोत्र के पेन(देव) सख्या और उस गोत्र को प्राप्त होने वाले टोटेम सम्बन्धी किवदन्तिया आज भी यदा कदा प्रचलित है । लगभग सभी प्रचलित प्रमुख गोत्रो की टोटेम से सम्बन्धित किवदन्ति आज भी बुजुर्गो से सुनी जा सकती है । ऐसे किवदन्तियो का सन्कलन और अध्ययन कर गोन्डवाना सन्सक्रति के गहरे रहस्य को जानने समझने मे जरूर सहायता मिल सकती है । अत् प्रस्तुत है मरकाम गोत्र से सम्बन्धित हमारे बुजुर्गो के माध्यम से सुनी कहानी । चिरान काल (पुरातन समय) की बात है हमारे प्रथम गुरू ने सभी सभी दानव,मानव समूहो को व्यवस्थित करने के लिये अपने तपोभूमि में आमंत्रित किया जिसमें सभी समूह आपस में एक दूसरे के प्रति कैसे प्रतिबद्धता रखे परस्पर सहयोग की भावना कैसे रहे , यह सोचकर पारी(पाडी) और सेरमी(सेडमी/ ्हेडमी) नात और जात या सगा और सोयरा के रूप मे समाज को व्यवस्थित करने के लिये आमन्त्रित किया ,दुनिया के अनेको जगहो से छोटे बडे देव, दानव ,मानव समूह गुरू के स्थान पर पहुचने लगे , कहानी मे यह भी सुनने को मिलत

गोंडी धर्म क्या है

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