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"बड़े मुद्दों के लिए बड़ी ताकत चाहिये ।

"बड़े मुद्दों के लिए बड़ी ताकत चाहिए"
अपने-अपने रीजनल क्षेत्रों में संघर्ष जारी रहे संघर्ष जारी रहे परंतु सभी क्षेत्रीय संघर्ष पूरब से लेकर पश्चिम तक जल जंगल जमीन के मुद्दे पर एक दूसरे से कनेक्ट होकर एक बड़ा आंदोलन खड़ा करें ! तभी शासन और प्रशासन का ध्यान हमारी तरफ जाएगा अन्यथा क्षेत्रीय मुद्दों के संघर्ष में आदिवासी समुदाय का कॉमन और बड़ा मुद्दा "जल जंगल जमीन" पेशा कानून ;पांचवी अनुसूची और स्वायत्तता के संघर्ष में कमजोरी दिखाई देगी इससे शासन प्रशासन पर दबाव नहीं पड़ेगा और आपके मुद्दों को दरकिनार कर दिया जाएगा, इसी को ध्यान में रखते हुए आगामी समय में प्रदेश स्तर का एक सम्मेलन भोपाल में आयोजित किए जाने का प्रस्ताव है जिसमें हमारे राष्ट्रीय और प्रांतीय स्तर के मुद्दों को लेकर सबसे पहले क्षेत्रों में जन जागरण और रैली सभाओं का आयोजन किया जाएगा जिसमें जिला और संभागीय स्तर पर क्षेत्रीय मुद्दों के साथ राष्ट्रीय मुद्दों को भी शामिल कर विधिवत राज्यपाल के नाम से ज्ञापन दिया जाएगा क्षेत्रीय स्तर पर ज्ञापन के पश्चात भोपाल में बड़ी रैली करके शासन प्रशासन को चेतावनी देने का काम होगा । आशा है आप सभी इस प्रांतीय और राष्ट्रीय मुद्दे को लेकर आंदोलित होंगे जय सेवा ! जय जोहार!!
(गुलजार सिंह मरकाम राष्ट्रीय संयोजक गोंडवाना समग्र क्रांति आंदोलन)

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"मरकाम गोत्र के टोटम सम्बन्धी किवदन्ती"

मध्यप्रदेश के गोन्ड बहुल जिला और मध्य काल के गोन्डवाना राज अधिसत्ता ५२ गढ की राजधानी गढा मन्डला के गोन्ड समुदाय में अपने गोत्र के पेन(देव) सख्या और उस गोत्र को प्राप्त होने वाले टोटेम सम्बन्धी किवदन्तिया आज भी यदा कदा प्रचलित है । लगभग सभी प्रचलित प्रमुख गोत्रो की टोटेम से सम्बन्धित किवदन्ति आज भी बुजुर्गो से सुनी जा सकती है । ऐसे किवदन्तियो का सन्कलन और अध्ययन कर गोन्डवाना सन्सक्रति के गहरे रहस्य को जानने समझने मे जरूर सहायता मिल सकती है । अत् प्रस्तुत है मरकाम गोत्र से सम्बन्धित हमारे बुजुर्गो के माध्यम से सुनी कहानी । चिरान काल (पुरातन समय) की बात है हमारे प्रथम गुरू ने सभी सभी दानव,मानव समूहो को व्यवस्थित करने के लिये अपने तपोभूमि में आमंत्रित किया जिसमें सभी समूह आपस में एक दूसरे के प्रति कैसे प्रतिबद्धता रखे परस्पर सहयोग की भावना कैसे रहे , यह सोचकर पारी(पाडी) और सेरमी(सेडमी/ ्हेडमी) नात और जात या सगा और सोयरा के रूप मे समाज को व्यवस्थित करने के लिये आमन्त्रित किया ,दुनिया के अनेको जगहो से छोटे बडे देव, दानव ,मानव समूह गुरू के स्थान पर पहुचने लगे , कहानी मे यह भी सुनने को मिलत

गोंडी धर्म क्या है

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“जय सेवा जय जोहार”

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