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"मूलनिवासीयो को मूलनिवासी हित में अपना "माईन्ड सेट" कर लेना होगा ।"

"मूलनिवासीयो को मूलनिवासी हित में अपना "माईन्ड सेट" कर लेना होगा ।"
देश में मनुवादी मानसिकता की सरकारों और सन्गठनो के माध्यम से मूलवासियो के अधिकारों का हनन और लगातार अन्याय अत्याचार तथा भेद भाव की घटनाओं को ध्यान मे रखते हुए, मूलवासियो/मूलनिवासीयो तथा उनके नेतृत्व में चल रहे सन्गठनो को कठोर निर्णय लेने की आवश्यकता है। सबके सोच विचार और व्यवहार में एकरूपता लाना अनिवार्य आवश्यकता हो गई है। इन परिस्थितियों में कोई व्यक्ति या सन्गठन बहाने बाजी करता दिखाई सुनाई दे तो तत्काल उस व्यक्ति या सन्गठन से लिखित या मौखिक रूप से अपनी स्थिति स्पष्ट कराये कि आप और आपके सन्गठन का आज के इन विषम परिस्थितियों में क्या रुख है। आप किस विचारधारा और सन्गठन का सहयोग क्यों कर रहे हो, और क्यों नहीं कर रहे हो । ऐसे व्यक्ति या सन्गठन के क्रियाकलापों का मूल्यांकन करके, उनके साथ उसी तरह का व्यवहार करना शुरू कर दें । यह समय की जरूरत है, अन्यथा दुश्मन से अधिक मूलनिवासीयो का नुकसान ये छदमवेशी व्यक्ति या सन्गठन करते आ रहे हैं। वर्तमान कठिन दौर में इनसे स्थायी नुकसान हो सकता है। इसलिये मूलनिवासीयो को मूलनिवासी हित में अपना "माईन्ड सेट" कर लेना होगा । मनुवादी व्यक्ति और सन्गठनो के विरुद्ध मुखर होकर अपनी भूमिका निभाना होगा ।-gsmarkam

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गोंडी धर्म क्या है

                                          गोंडी धर्म क्या है   गोंडी धर्म क्या है ( यह दूसरे धर्मों से किन मायनों में जुदा है , इसका आदर्श और दर्शन क्या है ) अक्सर इस तरह के सवाल पूछे जाते हैं। कई सवाल सचमुच जिज्ञाशा का पुट लिए होते हैं और कई बार इसे शरारती अंदाज में भी पूछा जाता है, कि गोया तुम्हारा तो कोई धर्मग्रंथ ही नहीं है, इसे कैसे धर्म का नाम देते हो ? तो यह ध्यान आता है कि इसकी तुलना और कसौटी किन्हीं पोथी पर आधारित धर्मों के सदृष्य बिन्दुवार की जाए। सच कहा जाए तो गोंडी एक धर्म से अधिक आदिवासियों के जीने की पद्धति है जिसमें लोक व्यवहार के साथ पारलौकिक आध्यमिकता या आध्यात्म भी जुडा हुआ है। आत्म और परआत्मा या परम आत्म की आराधना लोक जीवन से इतर न होकर लोक और सामाजिक जीवन का ही एक भाग है। धर्म यहॉं अलग से विशेष आयोजित कर्मकांडीय गतिविधियों के उलट जीवन के हर क्षेत्र में सामान्य गतिविधियों में संलग्न रहता है। गोंडी धर्म

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