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सजग रहें अन्यथा समाज गुलाम हो जायेगा

"सजग रहें अन्यथा समाज गुलाम हो जायेगा" मनुवादी विचारधारा पर देश में विभिन्न आंदोलनों के माध्यम से लगातार हमला और इस हमले से कमजोर होती मनुवादी व्यवस्था और उसके संगठन लगातार चिंता में हैं। यही कारण है कि वे जल्द से जल्द संविधान को बदलने की कवायद में राज्यसभा में भी बहुमत हासिल करना चाहते हैं। इसलिए मनुवादी विचारधारा को मजबूत बनाने की मंशा रखने वाला व्यक्ति चाहे वह किसी दल में बैठा हो जल्द से जल्द केंद्रित हो रहा है और साथ ही राज्य सभा में बहुमत बनाने की कौशिश कर रहा है । यह कार्य इतनी तेजी से हो रहा है कि ऐसे मनुवादी नेता का साथ और समर्थन देने वाले एससी एसटी ओबीसी के जनप्रतिनिधियों को भनक तक नहीं कि आगे क्या षड्यंत्र होगा । साथियों मनुवाद की जड़ें हिल चुकी हैं। अम्बेडकर वादी, प्रकृतिवादी, मानवतावादी, समाजवादी जैसी विचारधाराओं के लगातार बढ़ती हलचल ने "अभी नहीं तो कभी नहीं" तथा "येन केन प्रकारेण" "साम दाम दण्ड भेद" जैसे इनके अपने पारंपरिक हथियार को व्यवहार में ला रहे हैं। "सजग रहें अन्यथा समाज नष्ट हो जायेगा" (गुलजार सिंह मरकाम राष्ट्रीय संयोजक गोंडवाना समग्र क्रांति आंदोलन)

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"मरकाम गोत्र के टोटम सम्बन्धी किवदन्ती"

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गोंडी धर्म क्या है

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