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तानाशाही दौर और भारतीय समाज

मोदी और अमितशाह की मनमानी का राज
क्रिया करके प्रतिक्रिया का इंतजार करती मोदी की फासीवादी टीम । मनमानी करो किसी की परवाह मत करो !
 भारतीय समाज के सब्र का इम्तिहान लेते हुए अपने लक्ष्य की ओर बढो । समय और परिस्थिति अनुकूल है लोकतंत्र का जितनी जल्दी गला घोंटा जा सकता है उतना ही अच्छा है अन्यथा समय का सदुपयोग नहीं हुआ तो भारतीय समाज को हमारी गतिविधियों को समझने का अवसर मिल जायेगा  तब लक्ष्य हासिल करना आसान नहीं होगा ।  फासीवाद का समर्थक तानाशाह सबसे पहले अपने इर्द गिर्द मौजूद लोगों की ताकत को कमजोर करता है उन्हें पंगु बनाकर सदैव भयांक्रित करता रहता है ताकि समर्थक उसके विरूद्ध कभी सिर उठा ना सके । यह प्रकिया उपर से नीचे की ओर चलती है । ताकि उपर की दहशत आम नागरिक में भी झलकने लगे । यही होता है तानाशाही व्यवस्था की स्थापना का प्रथम चरण । भारतीय समाज अभी इसी दौर से गुजर रहा है । (एक विश्लेषण)-gsmarkam

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