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आदिवासी और जनगणना 2021


"जनगणना 2021 और आदिवासी समुदाय"
ट्राईबल रिलीजन कोड की मुहिम में लगे सभी आदिवासी धार्मिक संगठनों से अपील है कि वे एक दूसरे से संपर्क करके मुहिम को तेज करें ताकि देश में आने वाला जनगणना कार्य 2020 से आरंभ हो जायेगा। जनगणना आरंभ होने के पूर्व यदि हमारे आदिवासी,मूलवासी, आदिम समूह के विभिन्न पंजीकृत अपँजीकृत संगठन यदि एकजुट होकर कोड/कालम में एक नाम को रजिस्ट्रर्ड नहीं करा पाये तो आने वाली पीढ़ी,हमें माफ नहीं करेगी । हमसे यह प्रश्न जरूर करेगी कि हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई बौद्ध पारसी भी अपने धर्म समूह में अलग पहचान बनाकर  अपने तरीके से अलग अलग  पूजा पद्धति अपनाकर कार्य करते हैं पर जनगणना के समय एक ही धर्म कोड में अपनी उपस्थिती या गणना कराते हैं। क्या आदिवासी समुदाय अपने विभिन्न अपनी पहचान को सुरक्षित रखते हुए एक कालम/कोड में  सामुदायिक पहचान को राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित नहीं कर सकता ? यदि नहीं तो आने वाले समय में यह इतिहासिक भूल आदिवासी इतिहास में काले पन्नों का अध्याय बनेगा। आज इतनी सामाजिक जनचेतना के बावजूद अनेकों सेमिनार और चर्चा के बाद भी हम ऐसा नहीं कर सके तो,इसके जवाबदेह हम तथाकथित जागरुक माने जाने वाले लोगों होंगे।
(गुलजार सिंह मरकाम राष्ट्रीय संयोजक गोंडवाना समग्र क्रांति आंदोलन)

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