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"आदिवासी अधिकार"

"बाप को मजबूत करने से पहले शासन प्रशासन को बेटे से दो दो हाथ होने दो ।"
मध्यप्रदेश राज्य सहित कुछ राज्यों में 5 वीं अनुसूचि का बच्चा "पेसा कानून" सभी जनजाति के लिये अनुसूचित जिलों, ब्लाकों और माडा क्षेत्रों में लागू है ,जिसके नियम प्रदेश सरकार ने बनाकर रखे हैं । त्वरित लाभ पाने के लिये इस नियम के तहत आप अपने ग्राम की उन्नति के लिये टोला ,पारा या मोहल्ला की ग्राम सभा, पंचायत समिति के माध्यम से अपने हित के लिये फैसले, प्रस्ताव बनाकर बिना सरपंच की सहमति से प्रस्ताव पारित कर अगली कार्यवाही एसडीएम या तहसील दार को भेज सकते हैं ,वह आपके प्रस्ताव पर कार्यवाही के लिये बाद्धय है । अन्यथा संविधान के नियमों का उल्लंघन करने के जुर्म में उस पर देशद्रोह का मुकदमा कायम किया जा सकता है । उदाहरण के लिये आपके मोहल्ला ,पारा ,टोला में यदि कोर्द रेत खदान है तो उसकी रायल्टी आप ले सकते हैं । यदि आपके मोहल्ला या ग्राम में कोई व्यापारी आपकी सीमा में व्यापार के उददेश्य से कोई सामान बेचने आता है, तो आप उस पर सर्वसम्मति से तय टेक्स ले सकते हैं । कोई आपके टोला, पारा ,मोहल्ला में आने का प्रयास करता है, तो बिना ग्राम ,पारा ,टोला के मुखिया या ग्राम सभा की अनुमति से प्रवेश नहीं कर सकता । यह शक्ति 5 वीं अनुसूचि के बच्चे "पेसा कानून" के माध्यम से भी संभव है । अभी पांचवीं अपुसूचि रूपी बाप को मजबूत करें उससे पहले प्रशासन को "पेसा कानून रूपी बच्चे" का सामना करने दो । बच्चे से परास्त शासन प्रसाशन पांचवीं अनुसूचि रूपी बाप के आने पर स्वतः सरेंडर कर जायेगा । -gsmarkam

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